देश में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले दो साल में भारत के शीर्ष 7 शहरों में प्रॉपर्टी की कीमत में 13 प्रतिशत की सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) से इजाफा हुआ है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट फर्म एनारॉक की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दो वर्षों में 8.25 लाख नए घर लॉन्च हुए हैं। वहीं, इस दौरान 8.72 लाख घरों की बिक्री हुई है। इसलिए प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।
पिछले दो साल में जबरदस्त उछाल
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 2013 के बाद से ही प्रॉपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं। पिछले दो वर्षों में 13 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़े हैं। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई 1.3 प्रतिशत गिरकर 5.4 प्रतिशत रह गई है। यह दिखाता है कि रियल एस्टेट महंगाई को आउटपरफॉर्म कर रहा है।
निवेश का माध्यम बनकर उभरा रियल एस्टेट
कंसल्टेंट फर्म का कहना है कि महंगाई के दौर में अपनी वेल्थ को बनाने और बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट एक अच्छे निवेश के माध्यम के रूप में उभरा है। जनसंख्या बढ़ने के साथ शहरीकरण भी तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण आने वाले समय में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़त जारी रह सकती है।
रियल एस्टेट निवेश पर जोखिम कम
एनारॉक कैपिटल के प्रबंधक निदेशक और सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा कि 2019 के आम चुनावों के बाद देश के टॉप 7 शहरों में घरों के दाम 6 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़े हैं। जून 2019 में औसत एक स्क्वायर फीट का दाम 5,600 रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 के अंत में बढ़कर 7,550 रुपये प्रति स्क्वायर फीट हो गया है।
अग्रवाल ने आगे कहा कि रियल एस्टेट को कोई निवेशक अपने पोर्टफोलियो में रखकर अपनी रिस्क को कम कर सकता है। रियल एस्टेट पर स्टॉक और बॉन्ड की तरह महंगाई का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। इसकी अपनी एक वैल्यू होती है, जो कि हमेशा बनी रहती है।
इनपुट: आईएएनएस