देश में हाईस्पीड यात्री रेलगाड़ियों के बाद अब हाईस्पीड मालगाड़ियों पर भी काम शुरु हो चुका है। देश में हाईस्पीड मालगाड़ी गलियारा में खास तौर पर रेल ट्रैक बिछाए जाने हैं। इन हाईस्पीड मालगाड़ी गलियारों में उपयोग होने वाले विशेष ‘रेल’ का उत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड यानि सेल करेगी। इन रेल का उपयोग मेट्रो रेल परियोजनाओं में भी किया जाएगा।
भिलाई इस्पात संयंत्र में नई इकाई स्थापित
इसके लिए सेल ने छत्तीसगढ़ में अपने भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में नई यूनिवर्सल रेल मिल (URM) में विशेष रेल (हेड हार्डेन्ड) के उत्पादन के लिये इकाई स्थापित की है। ‘हेड हार्डेन्ड’ प्रौद्योगिकी से बनी रेल का उपयोग मालगाड़ियों के उच्च गति वाले मार्ग और मेट्रो रेल परियोजना में किया जाता है।
50 प्रतिशत उच्च दबाव सहन करने में सक्षम
‘हेड हार्डनिंग’ प्रौद्योगिकी के तहत विशेष हीटिंग प्रक्रिया की जरूरत होती है। इस तकनीक से बनी रेल सामान्य रेल के मुकाबले 50 प्रतिशत उच्च दबाव सहन करने में सक्षम होती हैं। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के निदेशक (वित्त) अनिल कुमार तुलसियानी ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इस साल कुछ रेल का उत्पादन करेंगे।’’
‘हेड हार्डेन्ड’ रेल अभी परीक्षण के स्तर पर
उन्होंने पहली तिमाही के नतीजे पर विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा कि ‘हेड हार्डेन्ड’ रेल अभी परीक्षण के स्तर पर हैं और परीक्षण सफल होने के बाद कंपनी उत्पादन की मात्रा तय करेगी। एक अन्य सवाल के जवाब में तुलसियानी ने कहा कि पूरे साल के लिये सेल के पूंजी व्यय परिदृश्य के बारे में बताना जल्दबाजी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कई परियोजनाएं हैं, जिसे निदेशक मंडल मंजूरी दे चुका है।