सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान भी माना जाता है। क्रिकेट की पिच पर लंबा वक्त बिताने के बाद सचिन करीब 7—8 साल से मैदान से बाहर हैं लेकिन वे रुके नहीं हैं। अब तेंदुलकर क्रिकेट की बजाए कारोबार की पिच पर बैटिंग करने जा रहे हैं। सचिन ने स्वच्छ ऊर्जा, वैमानिकी, रक्षा और तेल एवं गैस क्षेत्रों के उपकरण विनिर्माताओं के लिए इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी समाधान मुहैया कराने वाली आजाद इंजीनियरिंग में रणनीतिक निवेश के साथ अल्पांश हिस्सेदारी खरीदी है।
आजाद इंजीनियरिंग ने सोमवार को बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि सचिन के इस निवेश से कंपनी को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों में योगदान देने की प्रतिबद्धता को मजबूती मिलेगी। हालांकि, कंपनी ने यह जानकारी नहीं दी है कि सचिन ने रणनीतिक निवेश के तौर पर कितनी राशि लगाई है। इस निवेश के एवज में दिग्गज क्रिकेट हस्ती को कंपनी में अल्पांश हिस्सेदारी मिली है।
कंपनी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक राकेश चोपदार ने कहा, ‘‘हम एक निवेशक के तौर पर सचिन तेंदुलकर के आने से खासे रोमांचित हैं और यह हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है। बेहद जटिल विनिर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली कंपनी के तौर पर आजाद इंजीनियरिंग अपने संकल्प का ध्यान रखेगी और देश के लिए वृद्धि एवं नवाचार के अवसर पैदा करेगी।’’