भारतीय अर्थव्यवस्था की धमक का अहसास आखिरकार अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स को भी हो गया। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि दर यानी जीडीपी दर का अनुमान बढ़ाकर मंगलवार को 6.8 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में मजबूत घरेलू गति के बीच वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था। भाषा की खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
मजबूत वृद्धि का अनुमान
खबर के मुताबिक, एसएंडपी ने एशिया प्रशांत के लिए अपने ‘इकोनॉमिक आउटलुक’ में कहा कि एशियाई उभरती बाजार (ईएम) अर्थव्यवस्थाओं के लिए हम आम तौर पर मजबूत वृद्धि का अनुमान लगाते हैं, जिसमें भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम अग्रणी हैं। एजेंसी के मुताबिक, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़े पैमाने पर घरेलू मांग-आधारित अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू खर्च करने की क्षमता पर उच्च ब्याज दरों और मुद्रास्फीति के प्रभाव ने दूसरी छमाही में क्रमिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को कम किया है।
एसएंडपी को भारत की जीडीपी दर पर भरोसा
एसएंडपी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 (मार्च 2025 को खत्म) में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत हो जाएगी। एजेंसी ने यह भी कहा है कि भारत में कैलेंडर ईयर 2024 में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों यानी 0.75 प्रतिशत तक की कटौती होने की संभावना है। भारत में, धीमी मुद्रास्फीति, कम राजकोषीय घाटा और कम अमेरिकी नीति दरें भारतीय रिजर्व बैंक के लिए दरों में कटौती शुरू करने के लिए आधार तैयार करेंगी।
चीन को लेकर क्या कहा
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने यह भी कहा कि चीन की जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 में 5.2 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 4.6 प्रतिशत होने की संभावना है। एसएंडपी ने कहा कि हमारा पूर्वानुमान संपत्ति में निरंतर कमजोरी और मामूली मैक्रो नीति समर्थन का कारक है। अगर खपत कमजोर रहती है तो अपस्फीति एक जोखिम बनी रहती है और सरकार विनिर्माण निवेश को और अधिक प्रोत्साहित करके प्रतिक्रिया देती है।