नयी दिल्ली। सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न समस्याओं और चुनौतियों के समाधान को लेकर लगातार निर्यातकों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि युद्ध के कारण व्यापार के मोर्चे पर कुछ बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। गोयल ने कहा कि जिंसों के दाम, मुद्रास्फीति, पोत परिवहन तथा कंटेनर की कमी को लेकर चुनौतियां हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये कुछ चुनौतियां हमारे समक्ष हैं और निश्चित रूप से इससे कुछ बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह सब कोविड चुनौतियों के साथ हो रहा है। लेकिन हम चुनौतियों को दूर करने को लेकर लगातार निर्यातकों के साथ बातचीत कर रहे हैं और नियमित आधार पर उनकी सहायता कर रहे हैं।’’
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार चालू वित्त वर्ष में अबतक 9.4 अरब डॉलर रहा है, जो 2020-21 में 8.1 अरब डॉलर था। वहीं यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में अबतक 2.3 अरब डॉलर रहा है, जो इसके पिछले साल 2.5 अरब डॉलर था।
गोयल ने कहा, ‘‘युद्ध के कारण चुनौतियां निश्चित रूप से बढ़ेंगी लेकिन हम उनसे बेहतर तरीके से निपटेंगे।’’ भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मुक्त व्यापार समझौते के क्रियान्वयन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यूएई ने समझौते को मंजूरी दे दी है।
‘‘यह (समझौते का क्रियान्वयन) अगले छह सप्ताह में कभी भी हो सकता है।’’ भारत-आस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते के बारे में गोयल ने कहा कि बातचीत जारी है और हम अंतरिम व्यापार समझौते के लिये बातचीत को निष्कर्ष पर पहुंचाने की दिशा में काम कर रहे हैं।