Thursday, November 21, 2024
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भारत-रूस का कारोबार 2023 में लगभग हो गया डबल, आंकड़े जान रह जाएंगे हैरान, जानें पूरी बात

यूक्रेन में संघर्ष के चलते साल 2022 में पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत रूसी तेल का प्रमुख आयातक बन गया। रूस और भारत के बीच रूबल और रुपये में लेनदेन सुचारू रूप से चल रहा है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: September 03, 2024 7:32 IST
 साल 2022 में, भारतीय बाजार में रूसी व्यवसायों की रुचि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।- India TV Paisa
Photo:INDIA TV साल 2022 में, भारतीय बाजार में रूसी व्यवसायों की रुचि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

भारत के साथ रूस का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है और द्विपक्षीय भुगतान बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से आगे बढ़ रहे हैं। रूस के सबसे बड़े ऋणदाता, सेबरबैंक के डिप्टी सीईओ अनातोली पोपोव ने यह बात कही है। पोपोव ने मंगलवार को बताया कि भारत को रूस द्वारा किए जाने वाले सभी निर्यातों में से 70% तक का भुगतान सेबरबैंक द्वारा किया जाता है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, साल 2023 में भारत के साथ रूस का व्यापार लगभग दोगुना होकर 65 बिलियन डॉलर हो गया। यूक्रेन में संघर्ष के चलते साल 2022 में पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत रूसी तेल का प्रमुख आयातक बन गया।

भारत में भी सेबरबैंक की हैं शाखाएं

खबर के मुताबिक, पोपोव ने बताया कि साल 2022 में, भारतीय बाजार में रूसी व्यवसायों की रुचि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि यह बाजार एक विकल्प के रूप में कार्य करता है। भारत में सेबरबैंक की शाखा के दिल्ली और मुंबई में कार्यालय हैं, साथ ही बैंगलुरू में एक आईटी केंद्र भी है। इस वर्ष इसके भारतीय कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या में 150% की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने अप्रैल में कहा था कि वे बैंगलुरु में हब के लिए 300 आईटी कर्मियों को नियुक्त करना चाहते हैं।

रूस के सबसे बड़े ऋणदाता, सेबरबैंक के डिप्टी सीईओ अनातोली पोपोव।

Image Source : REUTERS
रूस के सबसे बड़े ऋणदाता, सेबरबैंक के डिप्टी सीईओ अनातोली पोपोव।

पश्चिमी प्रतिबंधों पर कोई रोक नहीं

सेबरबैंक पश्चिमी प्रतिबंधों के अधीन है और इसलिए यह अमेरिकी डॉलर और यूरो में लेनदेन नहीं कर सकता है या अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण के लिए SWIFT सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकता है। हालांकि, पोपोव ने कहा कि बैंक को भारत में किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है। सेबरबैंक सभी भारतीय भुगतान और अंतर-बैंक प्रणालियों में पूर्ण भागीदार है। पोपोव ने कहा कि इसके संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। भारत किसी भी रूसी-विरोधी प्रतिबंध में शामिल नहीं हुआ है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के BRICS समूह के एक साथी सदस्य रूस के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखता है।

रूबल और रुपये में लेनदेन

सेबरबैंक ने कहा कि रूबल और रुपये में लेनदेन सुचारू रूप से चल रहा है, जिनमें से 90% को पूरा होने में केवल कुछ घंटे लगते हैं। यह चीन जैसे अन्य व्यापारिक साझेदारों के विपरीत है। पोपोव ने जोर देकर कहा कि रूस को बढ़ते भारतीय निर्यात ने रूसी कंपनियों द्वारा रखे गए रुपये के अधिशेष की समस्या को हल करने में मदद की है, जिसने 2023 में द्विपक्षीय व्यापार को बाधित किया, क्योंकि रुपये का इस्तेमाल भारत से आयात के भुगतान के लिए किया गया था। पोपोव ने जोर देकर कहा कि संतुलित व्यापार हासिल करने के लिए, भारत को अभी भी रूस को अपने निर्यात को 10 गुना बढ़ाने की जरूरत है।

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