Highlights
- भारत से हजारों किलोमीटर दूर महायुद्ध दस्तक दे रहा है
- इस तनाव का सीधा असर भारत पर भी पड़ रहा है
- कच्चे तेल की कीमतों में उफान से फिर पेट्रोल डीजल महंगा होना तय
Russia-Ukraine Conflict: भारत से हजारों किलोमीटर दूर महायुद्ध दस्तक दे रहा है। एक ओर दुनिया की एक बड़ी सैन्य और आर्थिक शक्ति रूस है और दूसरी ओर है छोटा सा देश यूक्रेन, जिसके पीछे यूरोप और अमेरिका जैसी महाशक्तियां ताल ठोक रही हैं। भले ही रूस और यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति भारत से काफी दूर है, लेकिन इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ रहा है।
रूस ने अपनी सेना को वापस बैरक में भेज भले ही फौरी तौर पर युद्ध का खतरा टाल दिया है, लेकिन इन ठंडे देशों में सैन्य तनाव की गर्मी बदस्तूर जारी है और जारी है तीसरे विश्व युद्ध (3rd World War) का खतरा। इस खतरे की आहट से ही भारतीय शेयर बाजार (Share Market) हिचकौले खा रहा है। बीते कई हफ्ते से बाजार में गिरावट का आलम है। दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में उफान से फिर पेट्रोल डीजल महंगा होना तय माना जा रहा है।
भारत की आर्थिक सेहत पर कितना असर
इस तनाव में अमेरिका और रूस आमने सामने हैं। दोनों ही देशों से भारत के कारोबारी रिश्ते हैं। भारत अपनी एनर्जी की जरूरतों के लिए इन दोनों देश पर निर्भर है। रूस में गैस के बड़े भंडार हैं तो अमेरिका तेल की दुनिया में बड़ी ताकत हैं। इसके अलावा यूरोप भी काफी हद तक रूसी गैस पर निर्भर है। ऐसे में यदि संकट बढ़ता है तो कारोबार पर असर पड़ेगा। धातुओं और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी तो भारत में भी महंगाई चरम पर पहुंचेगी।
यूक्रेन के साथ भारत का है सीधा कारोबार
भारत और यूक्रेन के बीच सीधे कारोबारी रिश्ते हैं। भारत से बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाते हैं। यूक्रेन दूतावास की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों की मानें तो 2020 में भारत यूक्रेन के बीच 2.69 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। यूक्रेन ने भारत को 1.97 बिलियन डॉलर का निर्यात (Export) किया, जबकि भारत ने यूक्रेन को 721.54 मिलियन डॉलर का निर्यात किया। भारत यूक्रेन से न्यूक्लियर रियेक्टर और बॉयलर खरीदता है, इसके अलावा खाने का तेल भी हम यूक्रेन से मंगाते हैं। भारत यूक्रेन को दवाएं और इलेक्ट्रिकल मशीनरी का निर्यात करता है।
रूस के तनाव का पड़ता है असर
रूस जैसी महाशक्ति का पड़ौसी होने का खामियाजा यूक्रेन को उठाना पड़ता है। 2014 में जब क्रीमिया को लेकर यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ा था, तब भारत यूक्रेन का आपसी व्यापार 3 बिलियन डॉलर से ज्यादा का था। तनाव के बाद 2015 में यह महज 1.8 बिलियन डॉलर पर आ गया था।
मेडिकल छात्रों के सामने संकट
भारत और यूक्रेन के बीच सिर्फ कारोबारी रिश्ते ही नहीं हैं। बल्कि भारत से हजारों छात्र हर साल यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने भी जाते हैं। यूक्रेन में काफी संख्या में भारतीय विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जंग शुरू होने पर उनकी सुरक्षा की चिंता भी भारत के सामने है।