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  4. भूल जाइए सस्ते मोबाइल और लैपटॉप, 20 महीने के निचले ​स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया

भारत पर इस कारण होने वाला है महंगाई का जबर्दस्त अटैक, भूल जाइए सस्ते पेट्रोल से लेकर मोबाइल और लैपटॉप

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के अधिक तेजी से फैलने की चेतावनी दी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 15, 2021 19:21 IST
भारत पर इस कारण होने...- India TV Paisa
Photo:FILE

भारत पर इस कारण होने वाला है महंगाई का जबर्दस्त अटैक, भूल जाइए सस्ते पेट्रोल से लेकर मोबाइल और लैपटॉप

Highlights

  • डॉलर के मुकाबले रुपया 44 पैसे की गिरावट के साथ करीब 20 माह के निचले स्तर पर
  • 11 कारोबारी सत्रों में से 9 में गिरावट डॉलर के मुकाबले रुपया 119 पैसे टूटा
  • करीब आठ माह के दौरान रुपये में दिन की यह सबसे बड़ी गिरावट है

मुंबई। अगर आप सस्ते मोबाइल फोन, लैपटॉप, स्मार्टटीवी और दूसरे गैजेट्स खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है। विदेश से भारत आने वाली सभी चीजों पर अब महंगाई की मार पड़ना तय माना जा रहा है। दरअसल बुधवार को अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले रुपया 44 पैसे की गिरावट के साथ करीब 20 माह के निचले स्तर पर बंद हुआ। 

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के अधिक तेजी से फैलने की चेतावनी दी है। इसके चलते पिछले 11 कारोबारी सत्रों में से नौ में रुपये में गिरावट आई है और डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 119 पैसे टूटा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में विदेशी कोषों की निकासी के बीच रुपया 76.05 पर कमजोर खुला। कारोबार के दौरान बाद में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 44 पैसे की गिरावट के साथ 76.32 रुपये प्रति डॉलर तक नीचे चला गया। 

8 महीने में सबसे बड़ी गिरावट

करीब आठ माह के दौरान रुपये में दिन की यह सबसे बड़ी गिरावट है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘डॉलर की मांग और जोखिम-प्रतिकूल भावनाओं के कारण रुपया और गिर गया और आज यह 76 प्रति डॉलर के स्तर से नीचे चला गया। परमार ने कहा कि व्यापार घाटे के ऊंचे आंकड़ों तथा थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में उछाल के कारण रुपया कमजोर हुआ। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 96.45 रह गया। 

पेट्रोल डीजल सहित दूसरे आयातित प्रोडक्ट होंगे महंगे

डॉलर के मजबूत होने का सीधा असर हमारे आयात पर पड़ता है। भारत जिन वस्तुओं के आयात पर निर्भर है, वहां रुपये की गिरावट महंगाई ला सकती है। इसका असर कच्चे तेल के आयात पर भी पड़ेगा। दूसरी ओर भारत गैजेट्स और रत्नों का भी बड़ा आयातक है। ऐसे में रुपये में गिरावट का असर यहां पर भी देखने को मिल सकता है। 

क्रूड और शेयर बाजार सब फिसले 

वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.92 डॉलर प्रति बैरल रह गयी। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 329.06 अंक की गिरावट के साथ 57,788.03 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजारों के अस्थायी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 763.18 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।

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