पूर्वोत्तर भारत के लिए बीते 3 से 4 दशक रक्त रंजित रहे हैं। भाषाई और क्षेत्रीय विकास के नाम पर गुमराह युवाओं के चलते यह क्षेत्र उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित रहा है। लेकिन सरकार के प्रयासों एवं विकास योजनाओं के चलते इस क्षेत्र में शांति आई है। वहीं केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का मानना है कि इस क्षेत्र की शांति में रबड़ की फसल ने भी काफी बड़ा योगदान निभाया है।
पीयूष गोयल ने कहा कि देश के पूर्वाेत्तर क्षेत्र में रबड़ की खेती ने उग्रवाद को खत्म करने में योगदान दिया है और वहां लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है। गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश भर में रबड़ के क्षेत्र में गतिविधियों के लिए योजना बना रही है। यह पर्याप्त वित्तीय पैकेज और नीतिगत पहलों के माध्यम से किया जा रहा है।
गोयल ने रबर अधिनियम की प्लेटिनम जयंती पर अपने एक वीडियो संदेश में कहा, “यह देखकर खुशी हो रही है कि रबड़ की खेती से उग्रवाद और अशांति को खत्म करने और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में योगदान किया जा रहा है।”
गोयल ने देश में रबर उद्योग की वृद्धि और विकास के साथ-साथ प्राकृतिक रबर के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में रबर बोर्ड की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने भरोसा जताया कि रबर बोर्ड आगे चलकर कई और ‘शानदार सफलताएं’ हासिल करेगा।