सार्वजनिक क्षेत्रे के यूको बैंक के कई कस्टमर्स के अकाउंट में कुछ दिनों पहले अचानक से जमा हुए 820 करोड़ रुपये का मामला सुर्खियों में है। यह जांच के घेरे में हैं और अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई इसकी जांच कर रही है। सीबीआई ने जांच में यह भी पाया है कि जिस तरीख को जिन अकाउंट्स में पैसे डाले गए थे, वे उसी तारीख के आस-पास ही खोले गए थे। अधिकारियों ने बुधवार को कहा है कि अब सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। भाषा की खबर के मुताबिक, अबतक जो सुराग मिले हैं, उसको देखते हुए जांच एजेंसी के घेरे में वे हजारों खाते हैं, जो पैसा जमा करने की तारीख के आसपास ही खुले थे।
10 से 13 नवंबर के दौरान अचानक से पैसा जमा किया गया
खबर के मुताबिक, 41,000 से अधिक यूको बैंक ग्राहकों के खातों में 10 से 13 नवंबर के दौरान अचानक से पैसा जमा किया गया था। गौर करने वाली एक बात यह भी थी कि कस्टमर्स के अकाउंट में अलग-अलग पैसे जमा किए गए थे, जबकि ऑरिजिनल अकाउंट में से कोई राशि कटी ही नहीं थी। सीबीआई ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि कई खाताधारकों ने कथित रूप से स्थिति का लाभ उठाया और अपने खाते में जमा रकम तुंरत विभिन्न बैंक चैनलों का उपयोग करते हुए निकाल ली। एक अधिकारी ने कहा कि बिना आपराधिक मकसद के खातों में पैसा पाने वालों को हमारी जांच से कतई घबराने की जरूरत नहीं है।
सबसे ज्यादा राजस्थान स्थित अकाउंट्स में डाले गए पैसे
सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि हमारा ध्यान सिर्फ उन लोगों पर है, जिन्होंने यह साजिश रची और अंजाम दिया। जांच अभी शुरुआती चरण में है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को धोखेबाजों से सावधान रहना चाहिए जो जांचकर्ता बनकर स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं। सीबीआई मामले में डिटेल जानने के लिए फोन कॉल नहीं करती है। ऐसे कॉल के मामलों में लोग सीधे एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने पाया कि जो पैसा खातों में डाले गए, उसमें सबसे ज्यादा राजस्थान स्थित अकाउंट्स में डाले गए। आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान की 230 शाखाओं और 28,000 खातों में तीन दिन में 7.50 लाख ट्रांजैक्शन किए गए। इन खातों में 760 करोड़ रुपये डाले गए थे।
कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में जमा हुए पैसे
इसके बाद कर्नाटक और पश्चिम बंगाल का स्थान रहा। इन दोनों राज्यों में खाताधारकों के खातों में 3.40 करोड़ रुपये और 2.60 करोड़ रुपये डाले गए। सीबीआई के मुताबिक, तीन दिनों में निजी बैंकों के 14,000 खाताधारकों से 8.53 लाख तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) लेनदेन के जरिये यूको बैंक के ग्राहकों के खाते में भेजे गए। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि वास्तविक बैंक खातों से कोई भी राशि डेबिट नहीं की गई थी। यूको बैंक ने लगभग 820 करोड़ रुपये के ‘संदिग्ध’ आईएमपीएस लेनदेन को लेकर सीबीआई के पास शिकायत की। बैंक ने उससे जुड़े दो सहायक इंजीनियरों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। इस शिकायत के बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की।