IT Field: सरकार ने बुधवार को आईटी हार्डवेयर के लिये कुल 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय व्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे दी। कार्यक्रम की अवधि छह साल है। आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना दो के तहत लैपटॉप, टैबलेट, सभी उपकरणों से लैस पर्सनल कंप्यूटर (ऑल इन वन पीसी) सर्वर आदि आएंगे। मंत्री ने कहा कि इस प्रोत्साहन योजना से 3.35 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 2,430 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।
75,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
इससे सीधे तौर पर 75,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी, 2021 में 7,350 करोड़ रुपये के व्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिये पहली पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इसमें लैपटॉप, टैबलेट, सभी उपकरणों से युक्त पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर शामिल हैं। बता दें कि इस समय दुनिया मंदी से जूझ रही है। इस दौरान भी भारत तेजी से विकास कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ेगी। वहीं, इस वर्ष भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र की विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाओं की रिपोर्ट के मिडइयर अपडेट ने अगले साल के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को लचीली घरेलू मांग द्वारा समर्थित 6.7 प्रतिशत पर रखने का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट को जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा के प्रमुख, हामिद राशिद ने कहा कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में चमकदार स्थान पर बना हुआ है, जिसमें कई सकारात्मक चीजें शामिल हैं। मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय रूप से लगभग 5.5 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि राजकोषीय विस्तार और मौद्रिक आवास दोनों के लिए महत्वपूर्ण स्थान होगा, इससे घरेलू मांग का समर्थन होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि बाहरी जोखिम है।