खुदरा महंगाई दर सितंबर में जोरदार बढ़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 5. 49 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने 3. 65 प्रतिशत थी। खुदरा मंहगाई के जोरदार बढ़ने के पीछे खाद्य कीमतों में वृद्धि मुख्य वजह रही। हालांकि मुद्रास्फीति का स्तर भारतीय रिजर्व बैंक की 2-6% की सहनीय सीमा के भीतर बना हुआ है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर 2023 में 5. 02 प्रतिशत थी।
फूड बास्केट में मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 9. 24% हो गई
खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि कि फूड बास्केट में मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 9. 24 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 5. 66 प्रतिशत थी। एक साल पहले महीने में 6. 62 प्रतिशत थी। इससे पहले थोक मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.84 प्रतिशत हो गई। सोमवार को ही यह आंकड़े भी आए हैं। आपको बता दें, रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में प्रमुख अल्पकालिक उधार दर को अपरिवर्तित रखा था, को सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।
अगस्त में था ये आलम
ग्रामीण मुद्रास्फीति अगस्त में 4.16 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 5.87 प्रतिशत हो गई, जबकि शहरी मुद्रास्फीति पिछले महीने के 3.14 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 5.05 प्रतिशत हो गई। इससे पहले अगस्त में सब्जियों की मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 10.71 प्रतिशत के मुकाबले 35.99 प्रतिशत बढ़ी, जबकि दालों और उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त में 13.6 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 9.81 प्रतिशत हो गई।
फैक्टरी गेट मुद्रास्फीति में भी तेजी
इससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित फैक्टरी गेट मुद्रास्फीति में भी सितंबर में मामूली तेजी दिखी और यह अगस्त के 1.31 प्रतिशत से बढ़कर 1.84 प्रतिशत हो गई। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज उछाल इसकी मुख्य वजह रही, जबकि विनिर्मित उत्पादों और ईंधन जैसे अन्य प्रमुख उप-सूचकांकों में महीने के दौरान गिरावट देखी गई।