खुदरा महंगाई के मोर्चे पर एक बार फिर झटका लगा है। खुदरा महंगाई जनवरी महीने में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। सोमवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई जनवरी में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 6.52% पर पहुंच गई। दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी रही थी। इस बढ़ोतरी के साथ अप्रैल में होने वाली आरबीआई पॉलिसी में एक बार फिर रेपो रेट बढ़ोतरी तय लग रही है क्योंकि महंगाई की दर आरबीआई के लक्ष्य से फिर ऊपर पहुंच गई है।
खाने-पीने के सामान महंगे हुए
खाने-पीने के सामान महंगे होने से खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
सब्जियों की कीमतें जनवरी में घटी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतें जनवरी में घटी हैं। हालांकि ईंधन और प्रकाश समेत अन्य श्रेणियों में महंगाई बढ़ी है। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही। यह दिसंबर में 4.19 प्रतिशत और पिछले साल इसी तहीने में 5.43 प्रतिशत थी। गांवों में महंगाई शहरों के मुकाबले ऊंची रही। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में यह 6.85 प्रतिशत रही, वहीं शहरी केंद्रों में यह छह प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। पिछले सप्ताह आरबीआई ने महंगाई को काबू में रखने के लिये नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति 2022-23 में 6.5 प्रतिशत रहले का अनुमान जताया है।