Retail Inflation: खुदरा महंगाई के मोर्चे पर मामूली राहत मिली है। खाने का सामान सस्ता होने से जून महीने में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली रूप से गिरकर 7.01 प्रतिशत पर आ गई। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को जून 2022 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक जून में खुदरा मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही जबकि एक महीने पहले मई में यह 7.04 प्रतिशत थी। एक साल पहले जून 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.26 प्रतिशत रही थी।
आरबीआई के लक्ष्य से अभी भी अधिक
जून के लिए खुदरा मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट आने के बावजूद यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर से अधिक बनी हुई है। आरबीआई को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से ही आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 7.97 प्रतिशत की तुलना में घटकर 7.75 प्रतिशत रही। इस तरह खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
औद्योगिक उत्पादन में जोरदार उछाल
देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में मई, 2022 में 19.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन इस साल मई में 20.6 प्रतिशत बढ़ा। आलोच्य महीने में खनन उत्पादन 10.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 23.5 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल मई में आईआईपी में 27.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। औद्योगिक उत्पादन पर मार्च, 2020 के बाद से महामारी का असर पड़ा है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 57.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।