RERA Decision: हरियाणा रियल एस्टेट नियामक (रेरा) ने खरीदारों को समय पर घर उपलब्ध नहीं कराने पर 17 बिल्डरों को कुल 50 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है। हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (एच-रेरा) ने 17 बिल्डरों के संदर्भ में कई आदेश जारी किये और उन्हें घर खरीदारों को 9.70 प्रतिशत ब्याज के साथ 90 दिन के भीतर पैसा लौटाने को कहा। आदेश में यह भी कहा गया है कि आवंटियों के पास क्षतिपूर्ति और कानूनी कार्यवाही में हुआ खर्च मांगने का अधिकार है।
खरीदारों की शिकायतों पर दिया फैसला
शहर में मकान खरीदारों की तरफ से कई शिकायतें आने के बाद रेरा का यह आदेश आया है। बिल्डरों के आवास निर्धारित समय पर नहीं देने के बाद मकान खरीदारों ने पैसा वापस पाने को लेकर रेरा में आवेदन दिये थे। रेरा के अध्यक्ष के के खंडेलवाल ने कहा, प्राधिकरण ने बिल्डरों और आवंटी दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमा राशि वापस करने का आदेश दिया है। यह पाया गया कि समझौतों के अनुसार बिल्डरों ने मकान की निर्धारित समय में डिलिवरी नहीं की।
9.70 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा
प्राधिकरण ने कुल 17 बिल्डरों से जुड़े 63 मामलों में 9.70 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसा लौटाने को कहा है। आदेश के अनुसार, अकेले रहेजा डेवलपर्स को 15 मामलों में 12 करोड़ रुपये लौटाने हैं।
फ्लैट के बजाय जमीन खरीदना चाहते हैं लोग
महामारी के बाद लोगों का निवेश के लिहाज से जमीन के प्रति आकर्षण बढ़ा है। फ्लैट के मुकाबले जमीन के दाम में तेज वृद्धि से इसका पता चलता है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली एनारॉक ने एक रिपोर्ट में यह कहा कि देश के सात प्रमुख शहरों में भूखंडों का औसत मूल्य पिछले ढाई साल में 38 प्रतिशत तक बढ़ा है। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन की कीमत सबसे ज्यादा बढ़ी है। ये सात शहर हैं बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली। इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में करीब ढाई साल में अच्छा इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन के मूल्य में सबसे अधिक 38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।