उत्तर प्रदेश रेरा ने होम बायर्स के हक में लगातार कदम उठा रहा है। इसी दिशा में होम बायर्स की ओर से दर्ज होने वाली शिकायतें जैसे, पजेशन में देरी, तय समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने पर ब्याज की गणना, होम बायर्स द्वारा समय पर पैसे नहीं चुकाने पर बिल्डर की ओर से मांगी गई राशि में शुल्कों की गणना, फाइनल मांगी गई राशि में देरी की अवधि के ब्याज के साथ समायोजन, पार्किंग स्पेश का निर्धारण, मेनटेनेंस फीस आदि तरह के विवादों के तुरंत समाधान के लिए कॉन्सिलिएशन फोरम बनाया था। इस पहल से होम बायर्स के साथ बिल्डर को भी फायदा मिल रहा है। आसानी से दोनों पक्षों का विवाद को सुलझाया जा रहा है। इससे घर मिलने का इंतजार कर रहे लोगोें को बड़ी राहत मिली है।
आमाने-सामने बैठकर विवाद को सुलझाते हैं बिल्डर-बायर
यूपी रेरा द्वारा कॉन्सिलिएशन फोरम के तहत घर खरीदार और बिल्डरों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर उनकी बातों को सुनने के बाद सही समाधान निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में प्रोमोटर्स के संघ, क्रेडाई एनसीआर व क्रेडाई वेस्टर्न यूपी और घर खरीदारों के संघ नेफ़ोमा और नेफ़ोवा के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेते है। संघों द्वारा दोनों पक्षों के मध्य आपसी तालमेल बनाकर एक निश्चित समाधान निकालने का प्रयास होता है। इसके अलावा संघों द्वारा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उचित और अनुचित मांगों पर परस्पर बात-चीत से तार्किक समझौते की पृष्ठभूमि तैयार की जाती है। दोनों पक्षों द्वारा कन्सीलिएशन फोरम में उनके द्वारा किये गए सर्वमान्य समझौतों का स्वतः सम्मान किया जाता है और आवंटियों को समझौते के माध्यम से समाधान के कार्यान्वन के लिए किसी अग्रतर प्रक्रिया से नहीं गुजरना होता है।
इतने मामले का अभी तक सुलझाया गया
यूपी रेरा से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2019 से दिसमबर 2023 तक एनसीआर कॉन्सिलिएशनफोरम द्वारा ऐसे लगभग 1350 से ज्यादा मामलो का आपसी समझौते द्वारा मैत्रीपूर्ण समाधान कराया गया हैं जिससे लगभग 550 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी विवाद को खत्म किया गया है। विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के कारण कॉन्सिलिएशन फोरम की उपयोगिता बढ़ी है। ऐसे में अधिक से अधिक प्रोमोटर एवं घर खरीदार कॉन्सिलिएशनफोरम का अधिक उपयोग करके अपने विवादों का त्वरित व सौहार्दपूर्ण हल प्राप्त कर सकते हैं जो उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर के स्वस्थ विकास में भी उपयोगी होगा।
90% से 95% मामलों को हल करने में सफल रहे
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा कि क्रेडाई के सदस्यों, रेरा अधिकारियों के साथ-साथ घर खरीदारों के प्रतिनिधियों की मदद से हम यूपी रेरा कॉन्सिलिएशन फोरम में दायर किए गए लगभग 90% से 95% मामलों को हल करने में सफल रहे हैं। यह पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक हितधारक के प्रयासों का सुखद परिणाम है। कई बार हमने महसूस किया कि दोनों पक्ष से संचार और बातचीत की कमी के कारण मामले पूर्ण रूप से असहमति तक पहुंच जाते हैं। लेकिन कॉन्सिलिएशन फोरम में प्रत्येक पक्ष को उनकी बात रखने और समझाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता हैं जिसे रेरा कंसिलिएटर, घर खरीदारों और बिल्डरों के प्रतिनिधियों द्वारा समझकर विश्लेषण किया जाता है। इस व्यवस्था से दोनों पक्षों के बीच एक.दूसरे के विषय में बनी गलत धारणाओं को दूर किया जाता है और इस दौरान हम सर्वसम्मति से मामले को सुलझाते हैं जिसे दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार किया जाता है। इस प्रक्रिया से सभी प्रतिभागियों के बहुमूल्य समय और अन्य प्लेटफार्मों की तरह लंबी कानूनी प्रक्रिया से परे समाधान निकाला जाता है। हम यूपी रेरा की इस पहल, घर खरीदारों के संघ के प्रतिनिधियों और फोरम में भाग लेने वाले हमारे सदस्यों के मूल्यवान सहयोग की सराहना करते हैं। इसी क्रम में हमने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के साथ भी एक सुलह समिति बनाई है और नोएडा विकास प्राधिकरण के साथ भी प्रयास कर रहे हैं।