रियल एस्टेट कानून रेरा ने देश के लाखों होम बायर्स के चेहरे पर मुस्कान वापस लौटा दी है। दूसरे शब्दों में कहें तो देशभर में लंबे समय से घर मिलने का इंतजार कर रहे घर खरीदारों को उनकी घर की चाबी सौंपने का काम किया है। संपत्ति सलाहकार एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट कानून रेरा के तहत कड़े नियमों की मदद से सात प्रमुख शहरों में जुलाई, 2017 और दिसंबर, 2018 के बीच शुरू की गई कुल 1,642 आवासीय परियोजनाओं में से कम से कम 86 प्रतिशत पूरी हो चुकी हैं। ये 1,642 परियोजनाएं रियल एस्टेट नियामक कानून रेरा के तहत पंजीकृत हैं।
रेरा ने काफी मदद की
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में रेरा ने काफी मदद की है। पुरी ने कहा, ‘‘रेरा लागू होने के बाद डेढ़ साल में शीर्ष सात शहरों में 86 प्रतिशत की समग्र पूर्णता दर उल्लेखनीय है, खासकर इसके लागू होने से पहले बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए।’’ रियल एस्टेट (विनियमन व विकास) अधिनियम 2016 जिसे रेरा भी कहा जाता है, को मार्च, 2016 में संसद में पारित किया गया था।
रियल्टी प्रोजेक्ट का पंजीकरण करना अनिवार्य
रेरा की कुछ धाराएं एक मई, 2016 से और बाकी धाराएं एक मई, 2017 से अधिसूचित की गईं। इसके तहत परियोजनाओं (500 वर्ग मीटर से अधिक और आठ अपार्टमेंट से ऊपर) को शुरू करने से पहले उनका रेरा के तहत पंजीकरण करना अनिवार्य है।