NetLoss India Report: इन दिनों इंटरनेट बंद करने का चलन चल गया है। जब किसी क्षेत्र में किसी तरह की अशांति होती है, सरकार वहां पर इंटरनेट बैन कर देती है। कई बार सरकारी नौकरी को लेकर लिए जाने वाले टेस्ट पर भी सरकार नेट बंद कर देती है। इंटरनेट बंद होने के कारण 2023 की पहली छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था को 1.9 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हाल ही में पंजाब और मणिपुर में प्रशासन ने इंटरनेट-बंद किया। वैश्विक गैर-लाभकारी इकाई इंटरनेट सोसायटी ने अपनी रिपोर्ट ‘नेटलॉस’ में बताया कि ‘बंदी’ से लगभग 11.8 करोड़ डॉलर के विदेशी निवेश का भी नुकसान हुआ है और लगभग 21,000 नौकरियां भी गई हैं।
गलतफहमी में सरकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारें अक्सर यह गलत धारणा बना लेती हैं कि इंटरनेट बंद करने से अशांति कम होगी, भ्रामक सूचनाओं के प्रसारण पर रोक लगेगी या साइबर सुरक्षा खतरों से नुकसान की आशंका कम हो जाएगी। लेकिन ‘बंदी’ से आर्थिक गतिविधियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।” इसमें कहा गया कि कानून व्यवस्था बनाने के लिए भारत में लगातार इंटरनेट बंद किये जाने के कारण यहां इस साल अब तक इसका जोखिम 16 प्रतिशत हो गया है, जिससे भारत दुनिया में इस साल सबसे ज्यादा जोखिम वाले देशों में से एक हो गया है।
ऐसे होता है नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट बंद होने से ई-कॉमर्स बंद हो जाता है, जिससे त्वरित किए जाने वाले लेन-देन नहीं होने से घाटा होता है, बेरोजगारी बढ़ती है, व्यापार-ग्राहक संवाद बाधित होता है और कंपनियों के लिए वित्तीय एवं साख संबंधी जोखिम पैदा होते हैं। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि वह ‘बंदी’ के खिलाफ है और उसने सरकारों से इसे लागू करने से परहेज करने का आग्रह किया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था, समाज और इंटरनेट ढांचा प्रभावित होते हैं।