विदेशों से स्वदेश भेजी गई राशि के मामले में भारत ने धमाकेदार मौजूदगी दर्ज की है। विदेशों में रह रहे भारतीयों ने बीते वर्ष यानी 2023 में 120 अरब डॉलर स्वदेश भेजे। यह मेक्सिको को इसी अवधि में मिले 66 अरब डॉलर के मुकाबले लगभग दोगुना आंकड़ा है। भाषा की खबर के मुताबिक, विश्व बैंक की जारी लेटेस्ट रिपोर्ट में यह कहा गया है। विदेशों से भेजी गई राशि (रेमिटेंस) हासिल करने वालों में चीन (50 अरब डॉलर), फिलिपीन (39 अरब डॉलर) और पाकिस्तान (27 अरब डॉलर) शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं।
2023 में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई
खबर के मुताबिक, विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-2022 के दौरान मजबूत वृद्धि के बाद 2023 में आधिकारिक तौर पर बाहर से भेजे गए पैसे या धन प्रेषण (रेमिटेंस) निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में कम रहा और यह 656 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत के मामले में धन प्रेषण में 2023 में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 120 अरब डॉलर रहा। यह अमेरिका में महंगाई में गिरावट और मजबूत श्रम बाजारों के लाभ को बताता है।
भारत के कुशल प्रवासियों के लिए अमेरिका प्रायोरिटी में
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, भारत के कुशल प्रवासियों के लिए सबसे बड़ा गंतव्य है। इसके अलावा कुशल और अर्द्ध कुशल श्रमिकों की खाड़ी देशों (जीसीसी) में मांग से भी धन प्रेषण पर सकारात्मक असर पड़ा। पाकिस्तान के मामले में भी विदेशों में मांग अच्छी थी और इससे धन प्रेषण अच्छा हो सकता था लेकिन भुगतान संतुलन संकट और आर्थिक कठिनाइयों के कारण कमजोर आंतरिक स्थिति से यह 2023 में 12 प्रतिशत लुढ़क कर 27 अरब डॉलर रहा।
वहीं 2022 में उसे 30 अरब डॉलर प्राप्त हुए थे। विश्व बैंक के मुताबिक, बाहर से प्रवासियों के भारत को भेजे पैसे के स्रोत के मामले में अमेरिका के बाद संयुक्त अरब अमीरात दूसरे स्थान पर रहा। वहां कुल धन प्रेषण का 18 प्रतिशत हासिल हुआ है।