वित्त मंत्रालय ने कहा है कि फ्लैट या बीमा पॉलिसी की बुकिंग रद्द करने पर टैक्स भुगतान करने वाला व्यक्ति जीएसटी रिफंड का दावा कर सकता है। हालांकि, इसके लिए उसे अस्थायी तौर पर जीएसटी पोर्टल पर अपने को रजिस्टर्ड करना होगा। जीएसटी पोर्टल पर अनरजिस्टर्ड व्यक्तियों के लिये ‘रिफंड’ की एक नई सुविधा शुरू की गयी है। जो अनरजिस्टर्ड व्यक्ति जीएसटी वापस चाहते हैं, उन्हें पोर्टल पर अपने पैन (स्थायी खाता संख्या) का उपयोग कर अस्थायी तौर पर पंजीकरण प्राप्त करना होगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि उसे अनरजिस्टर्ड खरीदारों/सेवा प्राप्तकर्ताओं से कर वापसी के दावे को लेकर सुविधा प्रदान करने के लिये आवेदन मिले थे। सीबीआईसी ने कहा, ऐसे अनरजिस्टर्ड (गैर-पंजीकृत) व्यक्तियों को रिफंड के लिये आवेदन की सुविधा देने के लिए साझा पोर्टल पर एक नई व्यवस्था शुरू की गयी है। इसके तहत अनरजिस्टर्ड व्यक्ति अस्थायी तौर पर पंजीकरण प्राप्त कर सकते हैं और कर वापसी के लिये आवेदन कर सकते हैं।
अनुबंध रद्द के दो साल के अंदर दावा करना होगा
दी गई जारनकारी के मुताबिक, अनरजिस्टर्ड करदाता अनुबंध/समझौता रद्द होने का पत्र प्राप्त होने की तिथि से दो साल के भीतर कर वापसी के लिये आवेदन कर सकते हैं। जीएसटी परिषद की 17 दिसंबर को हुई 48वीं बैठक में अनरजिस्टर्ड खरीदारों के मामले में आवेदन देने की प्रक्रिया को लेकर परिपत्र जारी कर केंद्रीय माल एवं सेवा कर नियमों में संशोधन की सिफारिश की गयी थी। अबतक वैसे मामलों में अनरजिस्टर्ड खरीदारों के लिये कर वापसी का दावा करने की व्यवस्था नहीं थी, जहां फ्लैट/मकान या दीर्घकालीन बीमा पॉलिसी जैसी सेवाओं की आपूर्ति के लिये अनुबंध/समझौता रद्द हो गया है।
आम लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
केपीएमजी इंडिया के भागीदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा, ‘‘इससे अनरजिस्टर्ड खरीदारों को वैसे मामले में जीएसटी वापस हो सकेगा, जहां आपूर्ति नहीं हुई है। इससे अनावश्यक कर बोझ से बचने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि देशभर में लाखों घर खरीदार इस समय परेशान हैं। दरअसल, उनको फ्लैट नहीं मिलने पर उन्होंने बुकिंग रद्द करा दी है लेकिन जीएसटी रिफंड नहीं मिल पाया है। इस नए बदलाव के बाद वो अपना रिफंड ले पाएंगे।