महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि मुंबई में धारावी झोपड़पट्टी पुनर्विकास परियोजना (धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट) के लिए 2022 में जारी की गई नई निविदा पूरी तरह पारदर्शी थी। और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले अडाणी समूह को इसमें किसी तरह का अनुचित लाभ नहीं दिया गया था। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल किया था। यूएई की कंपनी ने अडाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लि.को परियोजना का ठेका देने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।
राजनीति से प्रेरित आरोप लगाए
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता ने बिना किसी आधार के राजनीति से प्रेरित होने निराधार आरोप लगाए हैं। इस रिट याचिका लागत के साथ खारिज किया जाना चाहिए।’’ मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ बृहस्पतिवार को याचिका पर सुनवाई करेगी। राज्य के आवास विभाग के उप-सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता कंपनी ने पुरानी निविदा को रद्द करने के बारे में ‘झूठे और निराधार’ आरोप लगाए हैं।
हजारों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी
हम इन आरोपों को खारिज करते हैं। इसमें कहा गया है कि निविदा प्रक्रिया को रद्द करने की कार्रवाई में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। ‘‘मैं इन आरोपों से इनकार करता हूं कि नई निविदा अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए निकाली गई थी।’’ सरकार ने कहा है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना काफी महत्वपूर्ण है और इससे हजारों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी।