Highlights
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था
- 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास अभी भी कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में
- भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी जरूरत का तेल आयात करता है
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के चतले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। हालांकि, बीते कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमत तेजी से नीचे आई लेकिन अभी भी 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है। ऐसे में लोगों के मन में यह डर है कि कभी भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है। इस बीच सूत्रों के हवाले से एक अच्छी खबर आई है कि सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने रूस से 30 लाख बैरल कच्चा तेल की खरीदारी की है। इस पर जानकारों का कहना है कि सरकार की पूरी कवायदा पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने देने की नहीं है। यह कच्चा तेल भारत पर आयात बिल कम करने का काम करेगा जिससे घरेलू बाजार में ईंधन की कीमत बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी।
भारी छूट पर की गई खरीदारी
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि आईओसी ने मई डिलीवरी के लिए यूराल क्रूड को 20-25 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की छूट पर खरीदा है। एक खरीदारी ट्रेडर माध्यम से की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, आईओसी ने संशोधित शर्तों पर खरीदारी की, जिसके लिए विक्रेता को इसे भारतीय तट पर डिलिवरी देनी होगी ताकि शिपिंग और बीमा की व्यवस्था में प्रतिबंधों के कारण किसी भी जटिलता से बचा जा सके।
85 फीसदी जरूरत का तेल आयात करता है भारत
भारत अपनी पेट्रोल-डीजल जरूरतों का करीब 85 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है। हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में बताया कि आने वाले महीनों में सरकार ऐसे हर कदम उठाने को तैयार है, जो ग्राहकों को पेट्रोल-डीजल की महंगाई से बचाए रख सकते हैं।