वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि सब्जियों की कीमतों (vegetable prices) में सुधार और एलपीजी की कीमतों में हालिया कमी के चलते मुख्य महंगाई नियंत्रण में आ गई है। मंत्रालय का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद ग्रोथ सही दिशा में लगातार जारी है। हां, दूसरी तिमाही में कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों (Food Inflation) में बढ़ोतरी के चलते मुख्य महंगाई में गिरावट के ट्रेंड में कुछ समय के लिए गिरावट देखने को मिली। हालांकि, यह अस्थायी घटना थी।
सितंबर में मुख्य महंगाई दर 5 प्रतिशत थी
IANS की खबर के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की लेटेस्ट रिलीज के मुताबिक, सितंबर में मुख्य महंगाई दर 5 प्रतिशत थी, जो मुद्रास्फीति लक्ष्य की ऊपरी सहनशीलता सीमा के भीतर थी। यह दर्शाता है कि जुलाई-अगस्त के दौरान महंगाई में बढ़ोतरी केवल अस्थायी थी। सरकार का कहना है कि कुछ खाद्य पदार्थों में मौसमी और मौसम से प्रेरित आपूर्ति बाधाएं हैं।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई हो गई थी तेज
सीपीआई बास्केट में 299 वस्तुओं में से सिर्फ 11.4 प्रतिशत खाद्य वस्तुओं में जुलाई में डबल डिजिट की महंगाई के चलते मुख्य महंगाई में वृद्धि हुई। वैसे, सितंबर में इसमें उल्लेखनीय गिरावट आई और यह 7 प्रतिशत रह गई। खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) में नरमी के साथ-साथ, ईंधन में सितंबर में नरमी देखी गई। घरेलू एलपीजी (LPG gas cylinder prices) की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती का नतीजा रहा कि एलपीजी की मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर (-) 12.7 प्रतिशत हो गई, जबकि अगस्त में यह 4.2 प्रतिशत थी।
कोर (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) महंगाई अगस्त में 4.9 प्रतिशत से घटकर सितंबर में 4.5 प्रतिशत हो गई। यह पिछले 42 महीनों में दर्ज की गई सबसे कम कोर मुद्रास्फीति है। इसके अलावा, अगस्त में लगातार सातवां महीना था जब मुख्य महंगाई आरबीआई के 6 प्रतिशत के ऊपरी सहनशीलता बैंड के भीतर रही है।