आने वाले समय में आपको रोटी की महंगाई से राहत मिल सकती है। दरअसल, कृषि सचिव मनोज आहूजा ने गुरुवार को कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की अच्छी संभावना है क्योंकि मौजूदा तापमान पौधों के बढ़ने और अधिक उपज की दृष्टि से अनुकूल बना हुआ है। इससे इस रबी सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार होगी। इसके चलते आटे की कीमत कम होगी। आपको बता दें कि महंगे गेहूं के कारण आटे में 30 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर से शुरू हुए रबी सत्र में पिछले हफ्ते तक गेहूं खेती का रकबा तीन प्रतिशत बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया। अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष, 2023 से पहले अपने निवास पर केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा आयोजित मोटा अनाज भोज के मौके पर आहूजा ने कहा, ''गेहूं की फसल की संभावना अच्छी है।
गेहूं कर बोआई रकबा बढ़ा
उन्होंने कहा कि बेहतर मौसम की स्थिति और फसल के अधिक रकबे के कारण फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह अबतक गेहूं उत्पादक राज्यों से अत्यधिक तापमान की कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि यह फसल की संभावनाओं के लिए शुभ संकेत है। मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि निर्यात मांग होने के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत मिलने की उम्मीद में किसानों ने इस साल अधिक रकबे में गेहूं फसल की बुवाई की है। फसल वर्ष, 2021-22 में, कुछ उत्पादक राज्यों में लू चलने के कारण घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से गिरकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया।
सरकार ने निर्यात पर रोक लगाया था
नतीजतन, घरेलू उत्पादन में कमी और निजी कंपनियों की आक्रामक खरीद के कारण सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की खरीद अपने पिछले वर्ष के 434.44 लाख टन से घटकर विपणन वर्ष 2022-23 में 187.92 लाख टन रह गई। इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।