भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई (TRAI) से सैटेलाइट कम्यूनिकेशन के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर संशोधित कंसल्टेशन पेपर लाने का आग्रह किया है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि ट्राई के मौजूदा कंसल्टेशन पेपर में सैटेलाइट और टैरेस्ट्रियल टेलीकॉम सर्विसेज के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के अहम पहलू की अनदेखी की गई है। रिलायंस जियो ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथऑरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के प्रमुख अनिल कुमार लाहोटी को लिखे एक लेटर में ये मुद्दे उठाए हैं।
रिलायंस जियो ने 4 अक्टूबर को ट्राई को लिखा था लेटर
भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी जियो ने ‘‘सैटेलाइट-बेस्ड कमर्शियल कम्यूनिकेशन सर्विसेज के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के नियम एवं शर्तों’’ से जुड़े कंसल्टेशन पेपर में संशोधन की मांग की है। टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने 4 अक्टूबर को लिखे इस लेटर में कहा है कि ट्राई के कंसल्टेशन पेपर में सैटेलाइट-बेस्ड और टैरेस्ट्रियल एक्सेस-बेस्ड सर्विसेज के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
जियो ने मौजूदा कंसल्टेशन पेपर पर और क्या कहा
जियो ने कहा कि इस मुद्दे पर चूक होने से टेलीकॉम स्टेकहोल्डर्स ट्राई को प्रासंगिक ब्योरा नहीं दे पाएंगे। टेलीकॉम रेगुलेटर ने 27 सितंबर को देश में कॉलिंग, मैसेजिंग, ब्रॉडबैंड और बाकी सर्विसेज देने के लिए सैटेलाइट कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन की पद्धति और मूल्य का पता लगाने के लिए एक कंसल्टेशन प्रोसेस शुरू किया था।
ट्राई ने कंसल्टेशन पेपर पर 18 और 25 अक्टूबर की तारीख की थी फिक्स
ट्राई ने कंसल्टेशन पेपर पर टिप्पणियों के लिए 18 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणियों के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है। स्पेक्ट्रम मूल्य और आवंटन पद्धति पर होने वाला फैसला पूरे भारत में इलॉन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक, भारती ग्रुप-समर्थित वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों से सैटेलाइट-बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विसेज का मार्ग प्रशस्त करेगा।
पीटीआई इनपुट्स के साथ