रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी दूरसंचार इकाई जियो इन्फोकॉम ने विदेशी मुद्रा ऋण के रूप में विभिन्न बैंकों के समूह से दो बार में कुल पांच अरब डॉलर जुटाए हैं, जो भारत के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा सिंडिकेट कर्ज (बैंकों/वित्तीय संस्थानों के समूह से लिया गया ऋण) है। सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह रिलायंस ने 55 बैंकों से तीन अरब डॉलर जुटाए थे, वहीं रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने 18 बैंकों से अतिरिक्त दो अरब डॉलर का कर्ज लिया है। उन्होंने बताया कि तीन अरब डॉलर का कर्ज 31 मार्च तक लिया जा चुका था जबकि दो अरब डॉलर इसी हफ्ते मंगलवार को जुटाए गए हैं।
रिलायंस कारोबारी विस्तार पर रकम को खर्च करेगी
रिलायंस जियो इस कोष का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय के लिए करेगी और जियो देशभर में 5जी नेटवर्क शुरू करने पर यह राशि खर्च करेगी। सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक रूप से तीन अरब डॉलर का ऋण 55 ऋणदाताओं से जुटाया गया जिनमें ताइवान के करीब दो दर्जन बैंकों के अलावा बैंक ऑफ अमेरिका, एचएसबीसी, एमयूएफजी, सिटी, एसएमबीसी, मिझुहो तथा क्रेडिट एग्रिकोल जैसे वैश्विक बैंक शामिल हैं। प्राथमिक कर्ज को मिली बढ़िया प्रतिक्रिया के बाद दो अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज लेने का फैसला हुआ। इसके बाद, दो अरब डॉलर का नया कर्ज भी 55 कर्जदाताओं से समान शर्तों पर लिया गया।
तीन अरब डॉलर के बाद विदेशी मुद्रा में दो अरब डॉलर का ऋण जुटाया
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और इसकी इकाई रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने विदेशी मुद्रा में दो अरब डॉलर का कर्ज जुटाया है। सूत्रों ने कहा कि ये कर्ज सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर विदेशी मुद्रा सुविधा के तहत जुटाया गया है। आरआईएल ने इससे पहले देश के सबसे बड़े सिंडिकेट ऋण के तहत तीन अरब डॉलर जुटाने के लिए समझौता किया था। यह वित्तपोषण 31 मार्च को पूरा हुआ था और इसके बाद दो अरब डॉलर जुटाए गए हैं। इस सौदे से जुड़े बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि यह पिछले पांच वर्षों में किसी भारतीय कॉरपोरेट द्वारा जुटाया गया सबसे बड़ा सिंडिकेट सावधि ऋण है। इस सिंडिकेट में 55 ऋणदाता शामिल हैं।