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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अदाणी ग्रुप की इस कंपनी में किया निवेश, बताई ये वजह

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) की स्वामित्व वाली सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड (एमईएल) में बड़ा निवेश किया है। 600 मेगावाट कैपेसिटी के एमईएल के

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: March 28, 2024 19:09 IST
Reliance Industries - India TV Paisa
Photo:FILE रिलायंस इंडस्ट्रीज

अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) की स्वामित्व वाली सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड (एमईएल) में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने बड़ा निवेश किया है। समझौते के तहत एमईएल में आरआईएल ने 10 रुपये मूल्य वाले 5 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदे हैं। आरआईएल ने एक फाइलिंग में कहा कि कंपनी का प्रस्तावित निवेश विद्युत नियम, 2005 के प्रावधानों के अनुरूप है। इसके अनुसार, एक कैप्टिव यूजर के रूप में आरआईएल को 26 फीसदी हिस्सेदारी लेनी है। 600 मेगावाट कैपेसिटी के एमईएल के एक यूनिट में आरआईएल 500 मेगावाट का कैप्टिव यूजर होगा।

20 साल का बिजली खरीद समझौता किया

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा कि आरआईएल और एमईएल ने इस उद्देश्य के लिए 20 साल का बिजली खरीद समझौता किया है। बिजली उत्पादन और आपूर्ति में लगी कंपनी एमईएल की स्थापना 19 अक्टूबर 2005 को की गई थी। ऑडिटेड स्टैंडअलोन वित्तीय विवरण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23, 2021-22 और 2020-21 के लिए एमईएल का टर्नओवर क्रमशः 2,730.68 करोड़ रुपये, 1,393.59 करोड़ रुपये और 692.03 करोड़ रुपये था।

मंजूरी 2 सप्ताह के भीतर मिलने की उम्मीद

आरआईएल ने कहा, "निवेश एक संबंधित पार्टी लेनदेन नहीं है और कंपनी के किसी भी प्रमोटर/प्रमोटर समूह/समूह कंपनी की निवेश में कोई दिलचस्पी नहीं है।" आरआईएल ने कहा, "निवेश एमईएल द्वारा आवश्यक मंजूरी सहित पहले से चली आ रही शर्तों के अधीन है और शर्तों के पूरा होने और एमईएल द्वारा ऐसी मंजूरी की प्राप्ति के 2 सप्ताह के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।"

दिल्ली अर्थ 54 अडाणी अंबानी गठजोड़ अडाणी, अंबानी में 

पहली बार गठजोड़

यह पहला मौका है जबकि दो प्रतिद्वंद्वी अरबपति उद्योगपतियों के बीच किसी तरह का गठजोड़ हुआ है। गुजरात के इन दोनों उद्योगपतियों को अक्सर मीडिया और समालोचकों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता रहा है। हालांकि, दोनों उद्योगपति एशिया के सबसे अमीर लोगों की सूची के शीर्ष दो पायदानों तक पहुंचने के लिए वर्षों से एक-दूसरे के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। अंबानी की रुचि तेल और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक है तो अडाणी का ध्यान बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, कोयला और खनन तक फैले बुनियादी ढांचे पर है। दोनों कारोबारियों ने स्वच्छ ऊर्जा खंड को छोड़कर शायद ही कभी एक-दूसरे का रास्ता काटा हो। इस खंड में दोनों उद्योगपतियों ने कई अरब रुपये के निवेश की घोषणा की है। 

टकराव की भविष्यवाणी की गई थी

अडाणी समूह 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने की आकांक्षा रखता है, जबकि रिलायंस गुजरात के जामनगर में चार गीगाफैक्टरी का निर्माण कर रही है। इनमें प्रत्येक फैक्टरी सौर पैनल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए है। अडाणी समूह भी सौर मॉड्यूल, पवन टर्बाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण के लिए तीन गीगाफैक्टरी लगा रहा है। जब अडाणी समूह ने पांचवीं पीढ़ी (5जी) डेटा और वॉयस कॉल सेवाओं को ले जाने में सक्षम स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन किया था तो तब भी टकराव की भविष्यवाणी की गई थी। हालांकि, अंबानी के विपरीत अडाणी ने 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा था, जो सार्वजनिक नेटवर्क के लिए नहीं है। इसके विपरीत, दोनों विरोध से बहुत दूर रहे हैं

। साल 2022 में अंबानी से पूर्व संबंधों वाली एक कंपनी ने समाचार प्रसारक एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी अडाणी को बेच दी, जिससे अधिग्रहण का मार्ग साफ हो गया। इस महीने की शुरुआत में जामनगर में अंबानी के छोटे पुत्र अनंत के विवाह से पहले आयोजित समारोहों में भी गौतम अडाणी मौजूद रहे थे। 

इनपुट: आईएएनएस

 

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