रिलायंस इंडस्ट्रीज के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के स्टैंडअलोन और एकीकृत शुद्ध लाभ (integrated net profit) के बीच का अंतर पिछले कुछ वर्षों में दोगुना से अधिक होकर 22,400 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी की अनुषंगी इकाइयों के रूप में काम कर रहे खुदरा तथा दूरसंचार कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि इसकी वजह रही। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। जेपी मॉर्गन ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट का आकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस के एकल तथा एकीकृत शुद्ध लाभ के बीच का अंतर काफी बढ़ गया है।
वित्त वर्ष 2019-20 (अप्रैल 2019 से मार्च 2020) में 8,400 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 22,400 करोड़ रुपये हो गया है। दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में तेजी इसकी मुख्य वजह है।’’ वित्त वर्ष 2019-20 में रिलायंस ने 30,902 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 44,205 करोड़ रुपये हो गया। एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2019-20 में 39,354 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 66,702 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2023 के लिए रिलायंस के एकल तथा एकीकृत शुद्ध लाभ के बीच अंतर के लिए 335 एकल कंपनियां/सहयोगी/संयुक्त उद्यम जिम्मेदार रहे। इनमें से करीब 40 प्रतिशत (133) मुनाफे में रहीं। वित्त वर्ष 2022-23 में एकल तथा एकीकृत मुनाफे के बीच अंतर में करीब 89 प्रतिशत योगदान रिलायंस की दूरसंचार तथा खुदरा अनुषंगी कंपनियों / सहयोगियों / संयुक्त उद्यग (जेवी) का था।