कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की लड़ाई में टॉरेंट समूह और हिंदुजा समूह के बीच चल रहे संघर्ष में नया मोड़ आ सकता है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी के कर्जदाता बोलीदाताओं के लिए दूसरे दौर की ई-नीलामी आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं। कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) सोमवार को नीलामी के दूसरे दौर पर फैसला करने के लिए बैठक करेगी। सीओसी को नई नीलामी से 10,000 करोड़ रुपये से ऊपर की बोलियां मिलने की उम्मीद है। नीलामी का नया दौर 20 जनवरी के आसपास आयोजित किया जा सकता है।
नीलामी खत्म होने के बाद बोलियों को बढ़ाया
सूत्रों ने कहा कि नीलामी के पहले दौर में हिंदुजा और टॉरेंट दोनों समूहों ने नीलामी खत्म होने के बाद भी अपनी बोलियों को लगातार बढ़ाया है और अधिक अग्रिम नकदी की पेशकश करके एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश की है। सूत्रों ने बताया कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत लगाई जाने वाली बोली के दूसरे दौर को 9,500 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य के साथ आयोजित किया जाएगा। इससे पहले 21 दिसंबर 2022 को खत्म हुए पहले दौर की नीलामी में न्यूनतम मूल्य सीमा 6,500 करोड़ रुपये रखी गई थी।
मूल्य करीब 13,000 करोड़ आंका गया
उन्होंने कहा कि दूसरे दौर में बोलीदाताओं के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम नकद अग्रिम भुगतान की सीमा हो सकती है। इससे टोरेंट को 640 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा, क्योंकि कंपनी पहले ही 8,640 करोड़ रुपये की पेशकश कर चुकी है। रिलायंस कैपिटल का परिसमापन मूल्य करीब 13,000 करोड़ रुपये आंका गया है।