Reliance Capital Auction News: कर्ज में फंसी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (Reliance Capital Limited) की मंगलवार को होने वाली दूसरी नीलामी को कर्जदाताओं ने टाल दिया है। कर्जदाताओं की समिति (COC) ने RCL के लिए दूसरी ऑनलाइन नीलामी 11 अप्रैल को करने का कार्यक्रम तय किया था। नई तारीख के बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। कंपनी काफी समय से नीलामी के लिए बोली आयोजित करने की कोशिश में है। हर बार किसी ना किसी कारणवश डेट में बदलाव देखने को मिल जा रहा है। इससे कंपनी की परेशानी धीरे-धीरे और बढ़ती जा रही है। इसके पहले पिछले हफ्ते भी नीलामी के दूसरे दौर को 11 अप्रैल तक के लिए टाला गया था। एक मीडिया रिपोर्ट मुताबिक, हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल, टॉरेंट इंवेस्टमेंट और सिंगापुर की ओकट्री ने दूसरे दौर की नीलामी में हिस्सा लेने की पुष्टि की हुई है। इसके पहले रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए दिसंबर में ऑनलाइन नीलामी हुई थी, जिसमें टॉरेंट इंवेस्टमेंट ने सर्वाधिक बोली लगाई थी। वहीं दूसरे स्थान पर रही आईआईएचएल ने नीलामी के बाद संशोधित बोली लगा दी जिसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।
दूसरे दौर की नीलामी भी रद्द
कर्ज में फंसी कंपनी रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं की नीलामी का दूसरा दौर आयोजित करने की योजना पर पानी फिर गया है, क्योंकि बोलीदाता नई नीलामी में हिस्सा लेने के लिए इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने पिछले 20 मार्च को पहले दौर की नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाने वाली टॉरेंट इंवेस्टमेंट्स की वह अपील मंजूर कर ली थी, जिसमें नीलामी का एक और दौर आयोजित करने के कर्जदाताओं के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि न्यायालय ने नए सिरे से नीलामी करने पर रोक लगाने से मना कर दिया था। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए मामले को अगस्त में सूचीबद्ध किया है। दिसंबर में संपन्न पहले दौर की नीलामी में टॉरेंट ने सर्वाधिक 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 नवंबर 2021 को रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग करने के साथ नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
बोली में हुआ संशोधन
हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों ही बोलीदाता दूसरे दौर की नीलामी में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं। टॉरेंट ने इस बारे में कर्जदाताओं की समिति (COC) को सूचित कर दिया है। वहीं इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने भी 9,000 करोड़ रुपये की अपनी संशोधित बोली वापस लेने की मंशा जताई है। ऐसी स्थिति में 9,500 करोड़ रुपये के आधार मूल्य के साथ दूसरी नीलामी करने की सीओसी की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है। इस बीच कॉस्मी फाइनेंशियल और पीरामल के गठजोड़ ने रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को पत्र लिखकर नवंबर में जमा की गई 75-75 करोड़ रुपये की बयाना राशि वापस करने की मांग की है। दोनों कंपनियों ने कहा है कि अब वह कर्ज समाधान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेना चाहती हैं। सूत्रों का कहना है कि गतिरोध दूर करने के लिए कोई सहमति नहीं बनने पर रिलायंस कैपिटल परिसमापन की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही है। अनुमान है कि परिसमापन होने पर कंपनी के कर्जदाताओं को 13,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
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