Highlights
- ईशा को खुदरा कारोबार के बारे में बोलने के लिए बुलाते समय मुकेश अंबानी ने इसका मुखिया बताया
- अंबानी इसके पहले बेटे आकाश को दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो का चेयरमैन नामित कर चुके हैं
- एजीएम में अनंत अंबानी का परिचय न्यू एनर्जी हेड के तौर पर मुकेश अंबानी ने कराई
Reliance AGM 2022: रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी द्वारा सोमवार को अपनी पुत्री ईशा का परिचय समूह के खुदरा कारोबार के मुखिया के तौर पर कराए जाने के साथ ही उत्तराधिकार योजना के पुख्ता संकेत मिल गए हैं। अंबानी इसके पहले अपने बेटे आकाश को समूह की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो का चेयरमैन नामित कर चुके हैं। वहीं, एजीएम में अनंत अंबानी का परिचय न्यू एनर्जी हेड के तौर पर मुकेश अंबानी ने कराई। इसके साथ ही मुकेश अंबानी द्वारा नई पीढ़ी को कारोबार सौंपने पर छाया धुंध खत्म हो गया है।
45वीं सालाना आमसभा (एजीएम) में घोषणा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की 45वीं सालाना आमसभा (एजीएम) में अंबानी ने ईशा का परिचय खुदरा कारोबार के अगुवा के तौर पर कराया। उन्होंने ईशा को खुदरा कारोबार के बारे में बोलने के लिए बुलाते समय इसका मुखिया बताया। ईशा ने व्हॉट्सएप का इस्तेमाल कर ऑनलाइन किराना ऑर्डर करने और ऑनलाइन भुगतान करने से संबंधित एक प्रस्तुति भी दी। 65 वर्षीय मुकेश अंबानी की तीन संतानें हैं। ईशा और आकाश दोनों जुड़वां भाई-बहन हैं जबकि सबसे छोटे अनंत हैं। ईशा की शादी पीरामल समूह के आनंद पीरामल से हुई है।
रिलायंस समूह का मुख्य रूप से तीन कारोबार
रिलायंस समूह के मुख्यतः तीन व्यवसाय हैं जो तेल शोधन एवं पेट्रो-रसायन, खुदरा कारोबार और डिजिटल कारोबार (दूरसंचार शामिल) हैं। इनमें से खुदरा और डिजिटल कारोबार पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाइयों के अधीन हैं वहीं तेल-से-रसायन या ओ2सीकारोबार रिलायंस के तहत आता है। नवीन ऊर्जा कारोबार भी मूल कंपनी का ही हिस्सा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मुकेश अंबानी अपने छोटे बेटे अनंत को तेल एवं ऊर्जा कारोबार का जिम्मा सौंप सकते हैं।
पेट्रोरसायन के लिए 75,000 करोड़ का निवेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी पेट्रोरसायन क्षमता का विस्तार करने के लिए अगले पांच साल में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी की वार्षिक आम बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह निवेश पीटीए संयंत्र स्थापित करने, पॉलिएस्टर क्षमता का विस्तार करने, विनाइल श्रृंखला की क्षमता को तीन गुना करने और संयुक्त अरब अमीरात में एक रासायनिक इकाई स्थापित करने में किया जाएगा।