भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 2047 तक 12 गुना से अधिक होकर 5,800 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। पिछले साल यह आंकड़ा 477 अरब अमेरिकी डॉलर का था। नारेडको-नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में यह जानकारी देने के साथ ही बताया गया कि यह क्षेत्र कुल आर्थिक उत्पादन में 15 प्रतिशत से अधिक का योगदान देगा। रियल एस्टेट कारोबारियों की संस्था नारेडको और संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया ने शुक्रवार को 'इंडिया रियल एस्टेट: विजन 2047' नाम से एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र का आकार 2047 तक बढ़कर 5,800 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकता है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। आपको बता दें कि भारतीय जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का बड़ा योगदान है। इस सेक्टर से करीब 200 इंडस्ट्री जुड़ी हुई है। साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन करता है।
जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़कर 15.5% जो जाएगी
इसके साथ ही रियल एस्टेट क्षेत्र की कुल जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़कर 15.5 प्रतिशत जो जाएगी, जो इस समय 7.3 प्रतिशत है।'' भारत 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा, उस समय देश की अर्थव्यवस्था का आकार 33,000 अरब अमेरिकी डॉलर और 40,000 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच हो सकता है। नारेडको इंडिया के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा कि 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि में रियल एस्टेट का अहम योगदान होगा। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि आबादी संबंधी लाभ, व्यापार और निवेश भावनाओं में सुधार, और सरकार की नीतियों से रियल एस्टेट क्षेत्र को समर्थन मिलेगा।
सरकार ने रोडमैप तैयार किया
आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विज्ञान भवन में "निर्माण उद्योग में नई और उभरती भवन निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकियों को अपनाने" पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, “सरकार ने निर्माण उद्योग के लिए रोडमैप तैयार किया है और यह सम्मेलन निर्माण प्रौद्योगिकी और भारतीय रियल एस्टेट उद्योग के कुछ बेहतरीन सुझावों को एक साथ लाया है। यह जरूरी है कि हम निर्माण उद्योग में उभरती सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए आसान तरीके खोजें।