स्मार्टफोन कंपनी रियलमी (Realme) के सह-संस्थापक माधव सेठ (Madhav Sheth) ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। वे बीते पांच साल से कंपनी वाइस प्रेसिडेंट और इंटरनेशनल बिजनेस ग्रुप के प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत थे। रियलमी को भारत में लॉन्च करने में माधव सेठ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सेठ कंपनी में सर्वोच्च भूमिका निभाने के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी एक्टिव थे। वे रियलमी के प्रोडक्ट को लेकर ग्राहकों से सीधे चर्चा करते थे। ट्विटर और दूसरे प्लेटफॉर्म पर उनकी लंबी फैन फॉलोइंग भी है।
अब क्या करने जा रहे हैं माधव सेठ
सेठ ने अपनी आगे की प्लानिंग के बारे में भी खुलासा किया है। सेठ ने बताया कि वे निर्यात क्षेत्र में नया उद्यम शुरू करने जा रहे हैं। इसी के सिलसिले में उन्होंने रियलमी से इस्तीफा दिया है। उनके इस्तीफे के बाद कंपनी के संस्थापक स्काई ली कंपनी के भारतीय कारोबार की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगे। सेठ रियलमी के उपाध्यक्ष और रियलमी इंटरनेशनल बिजनेस ग्रुप के अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थे। रियलमी चीनी स्मार्ट उपकरण निर्माता समूह बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स की अनुषंगी कंपनी है।
सेठ ने ट्विटर पर लिखा ये संदेश
सेठ ने सोशल मीडिया मंच पर बुधवार को जारी अपने संदेश में कहा, “अलविदा बोलना निराशाजनक हो सकता है, लेकिन जब तक हम दोबारा नहीं मिलते तब तक दुनिया बहुत छोटी है। अभी के लिए अलविदा, लेकिन हमारे रास्ते जल्द ही फिर टकरा सकते हैं, और यह कुछ ऐसा है जो मुझे बेहतर और बड़ा बनाने के लिए तत्पर है।”
घटती बिक्री से परेशान हैं कंपनियां
शेठ का बाहर निकलना ऐसे समय में आया है जब स्मार्टफोन की बिक्री दबाव में रही है। मार्केट रिसर्च फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की वर्ल्डवाइड क्वार्टरली मोबाइल फोन ट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही में स्मार्टफोन शिपमेंट चार साल के निचले स्तर 31 मिलियन तक गिर गया और इस साल समग्र स्मार्टफोन बाजार में सपाट वृद्धि देखने की उम्मीद है। मार्च 2022 की तिमाही में 6 मिलियन यूनिट से रिपोर्ट की गई तिमाही के दौरान रियलमी स्मार्टफोन शिपमेंट आधे से अधिक घटकर 2.9 मिलियन यूनिट रह गया।
चीनी कंपनियों को भारतीय बॉस रखने के आदेश
एक ओर माधव सेठ ने चीनी कंपनी से इस्तीफा दिया है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार चाहती है कि चीनी ब्रांड में उच्च पदों पर सिर्फ भारतीय प्रबंधकों की नियुक्ति की जाए। मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत सरकार ने चीनी स्मार्टफोन कंपनियों को भारतीय अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। ये नियुक्तियां उच्च पदों पर की जानी हैं। मीडिया में आई खबरों के अनुसार सरकार ने एक शाओमी, वीवो और ओप्पो जैसी कंपनियों से मीटिंग कर चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, चीफ फाइनेंस ऑफिसर जैसे पदों पर भारतीयों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चीफ टेक्निकल ऑफिसर का पद भारतीय को देने को कहा है।
ठेके पर नहीं स्थाई हों कर्मचारी
केंद्र सरकार ने चीनी कंपनियों को कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर भी निर्देश दिए हैं। सरकार ने कंपनियों को कहा है कि वो भारत के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लोगों को स्थायी नौकरी प्रदान करें। इतना ही नहीं, स्मार्टफोन बनाने को लेकर पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के साथ साझेदारी करने का ऐलान किया गया है। केंद्र की ओर से चीनी स्मार्टफोन ब्रांड को टैक्स चोरी न करने के साथ ही भारतीय कानून का पालने करने का निर्देश दिया है।
चीनी कंपनियों की कारगुजारियों से परेशान है सरकार
हाल के दिनों में ईडी और अन्य नियामक और प्रवर्तन एजेंसियों ने चीनी कंपनियों में कई बड़ी टैक्स चोरी और गड़बड़ियों का पता लगाया है। सरकार का मानना है कि चीनी कंपनियों में भारतीयों के उच्च पदों पर तैनात होने से ब्रांड टैक्ट चोरी नहीं कर पाएंगे। साथ ही सख्ती से भारतीय नियमों को लागू किया जा सकेगा।