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RBI Repo Rate के नहीं बदलने से रियल एस्टेट सेक्टर को होगा फायदा, जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

ब्याज दर के मोर्चे पर स्थिरता के साथ-साथ स्टाम्प ड्यूटी शुल्क को तर्कसंगत बनाने की हाल ही में की गई घोषणा और महिला मकान खरीदारों के लिए रियायतें रियल एस्टेट क्षेत्र खासकर आवासीय क्षेत्र के लिए अच्छी खबर हैं।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Aug 08, 2024 16:41 IST, Updated : Aug 08, 2024 20:22 IST
रियल एस्टेट न्यूज
Photo:FILE रियल एस्टेट न्यूज

रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनियों और एक्सपर्ट्स ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने से ब्याज के मोर्चे पर स्थिरता आएगी और इससे आगामी त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही कंपनियां स्थिर ब्याज दर के परिवेश में नई परियोजनाएं पेश करने को प्रोत्साहित होंगी। आरबीआई ने गुरुवार को उम्मीद के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

RBI ने बढ़ती महंगाई के बीच होम बायर्स को दी सौगात

रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी और दिग्गज रियल्टी एक्सपर्ट ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बढ़ती महंगाई के बीच रेपो रेट में इजाफा नहीं करना घर खरीदारों के लिए सौगात से कम नहीं है। होम लोन की दरें लंबे समय से स्थिर रहने से आगामी त्योहारी सीजन के दौरान आवास बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है। यह स्थिरता डेवलपर्स को आत्मविश्वास के साथ नए प्रोजेक्ट को लॉन्च करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। वहीं, दूसरी ओर FY25 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान 7.2% बनाए रखना भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती बताता है। इससे जॉब मार्किट में तेजी आएगी जो देश में घरों की मांग बढ़ाएगा।

रियल एस्टेट सेक्टर के लिये फायदेमंद

रियल एस्टेट क्षेत्र का शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा, ‘‘आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र को एक स्थिर माहौल देता है। स्थिर दरें आवास ऋण को अधिक किफायती बनती है, जिससे आगामी त्योहारों के दौरान आवास बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिरता डेवलपरों को भरोसे के साथ नई परियोजनाएं पेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। आरबीआई का संतुलित दृष्टिकोण बाजार के विश्वास को बनाए रखने में मदद कर रहा है। यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों को आश्वस्त भी करेगा। ’’

लगातर 9वीं बार रेपो रेट को रखा बरकरार 

रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ भारतीय रिजर्व बैंक का लगातार नौवीं बार रेपो दर को बरकरार रखने का निर्णय मौद्रिक नीति के प्रति निरंतर सतर्क दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। यह मुद्रास्फीति दबाव और मजबूत आर्थिक परिवेश को बढ़ावा देने के आरबीआई के प्रयास को बताता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यथास्थिति बनाए रखने से रियल एस्टेट क्षेत्र में गति बने रहने की संभावना है। नीतिगत दर में स्थिरता से बाजार को लाभ होने के साथ ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ेगा।’’ नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति के दबाव को देखते हुए आज की मौद्रिक नीति घोषणा हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह निर्णय दीर्घकालिक मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। साथ ही सतत आर्थिक वृद्धि के लिए अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देता है। कुछ उच्च आवृत्ति संकेतक वृद्धि में कुछ नरमी का संकेत देते हैं, यह उत्साहजनक है कि केंद्रीय बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का भरोसा है।’’

घर खरीदारों को होगा फायदा

कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा, ‘‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशंकाओं के बीच आरबीआई सतर्क रुख बनाये हुए है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ब्याज दर के मोर्चे पर स्थिरता के साथ-साथ स्टाम्प ड्यूटी शुल्क को तर्कसंगत बनाने की हाल ही में की गई घोषणा और महिला मकान खरीदारों के लिए रियायतें रियल एस्टेट क्षेत्र खासकर आवासीय क्षेत्र के लिए अच्छी खबर हैं। वित्त पोषण शुल्क में स्थिति साफ होने से आगामी त्योहारों के दौरान मकान खरीदारों और डेवलपर दोनों को मदद मिलेगी।’’ क्रिसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा, ‘‘ हालांकि ब्याज दर में कटौती रियल एस्टेट समेत विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए आदर्श स्थिति होती, लेकिन यथास्थिति बनाए रखन से कर्ज की लागत को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। कर्ज की लागत स्थिर होने से आवासीय मांग को बढ़ावा मिलेगा तथा इससे पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई का नीति के मोर्चे पर स्थिरता बनाये रखने के प्रयास से न केवल मकान खरीदारों को बल्कि रियल एस्टेट कंपनियों को भी लाभ होगा।’’

आने वाले समय में कम हो सकती हैं ब्याज दरें

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘महंगाई को नियंत्रण में करने के उद्देश्य से आरबीआई का नीतिगत दर स्थिर रखने का निर्णय उम्मीद के मुताबिक है। आरबीआई का ध्यान महंगाई को निर्धारित लक्ष्य के भीतर रखने पर है। अच्छे मानसून की उम्मीद से केंद्रीय बैंक आने वाले महीनों में ब्याज दरों को कम कर सकता है, जिससे रियल एस्टेट की बिक्री में तेजी आएगी और संभावित घर खरीदारों को बाजार में प्रवेश करने का मौका मिलेगा। ’’ अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा, ‘‘आरबीआई का यह फैसला स्वागत योग्य है। जीडीपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है और रियल एस्टेट क्षेत्र का जीडीपी में योगदान बढ़ रहा है। आरबीआई का यह कदम निस्संदेह रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देगा।’’

घर खरीदारी में आएगा उछाल

अनंत राज लिमिटेड के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमन सरीन ने कहा, ‘‘आर्थिक विकास की रफ्तार बनाए रखने और मंहगाई को नियंत्रण में रखने लिए नीतिगत दरों में बदलाव न करने के आरबीआई के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। इस निर्णय ने एक स्थिर आर्थिक परिदृश्य को मजबूती मिलेगी, जो सतत वृद्धि के लिए जरूरी है।’’ लोहिया वर्ल्डस्पेस के निदेशक पीयूष लोहिया ने कहा ‘‘ आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखना और चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बनाए रखने से रियल एस्टेट कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। स्थिर ब्याज दर मकान खरीदारों को मकान खरीदने और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस स्थिरता से त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की संभावना है।’’ मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि आरबीआई के रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के निर्णय से रियल्टी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ब्याज दर स्थिर रहने से संभावित घर खरीदार अनुकूल ऋण परिवेश का लाभ उठा सकते हैं।

6-12 महीनों में कम हो सकती हैं दरें

बेसिक होम लोन के को फाउंडर और सीईओ अतुल मोंगा ने कहा, '' भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के फैसले का होम लोन बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। बजट के बाद, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की घोषणा ने घर मालिकों को राहत प्रदान करते हुए बहुत आवश्यक स्थिरता प्रदान की है। स्थिर दरें रियल एस्टेट और ऋण क्षेत्रों में सकारात्मक भावना को दर्शाती हैं, जिससे ऋणदाताओं को घर खरीदारों के लिए अपने ऋण प्रवाह को बढ़ावा देने का अवसर मिलता है। हालांकि, पिछले कुछ समय से रेपो रेट स्थिर बनी हुई है, लेकिन अगले 6-12 महीनों में केंद्रीय बैंक द्वारा दर में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। दर में वृद्धि किफायती आवास सेगमेंट को और अधिक प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे सरकार की प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा।"

सीनियर लिविंग सेक्टर पर खास प्रभाव

अनंतराम वरयूर, मानसुम होम्स सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने और वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 7.2% बनाए रखने के निर्णय से सीनियर लिविंग सेक्टर पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा। ब्याज दरों में स्थिरता का मतलब है कि वरिष्ठ नागरिकों के रहने की सुविधाओं के लिए डेवलपर्स और संचालक पूर्वानुमानित लागत पर वित्त प्राप्त कर सकते हैं, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, टिकाऊ आवास समाधानों के विकास के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, स्थिर उधार लागत भी संभावित निवासियों को आवास को अधिक किफायती बनाकर लाभान्वित करती है, चाहे वे खरीद रहे हों या किराए पर ले रहे हों। यह विनियामक स्थिरता दीर्घकालिक योजना और निवेश का समर्थन करती है।“

रियल एस्टेट कंपनियों के लिए बढ़ावा

लोहिया वर्ल्डस्पेस के निदेशक पीयूष लोहिया ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो दर को 6.5% पर बनाए रखने का निर्णय और वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 7.2% पर बनाए रखना रियल एस्टेट कंपनियों के लिए एक बढ़ावा है। स्थिर ब्याज दरें घर खरीदारों को घर खरीदने और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इस स्थिरता से विशेष रूप से त्यौहारी सीज़न में घरों की मांग बढ़ने की संभावना है, खासकर टियर 2 और टियर 3 बाजारों में। कुल मिलाकर, आरबीआई का स्थिर दृष्टिकोण रियल एस्टेट विकास के लिए एक जरूरी सहयोग देगा।"

लगातार नौवीं बार आरबीआई ने रेपो रेट नहीं बदला

क्रेडाई के चेयरमैन और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि लगातार नौवीं बार आरबीआई ने रेपो रेट नहीं बदला है। यह देश की आर्थिक बढ़ोतरी के लिए अच्छा है और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद करेगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होगा। लेकिन, सस्ती आवास योजना का विकास अभी भी पीछे है और इसकी बहुत ज़्यादा मांग है। हमें उम्मीद है कि आरबीआई भविष्य में इस पर ध्यान देगा। सीआईआई की एनआर कमेटी ऑन रियल एस्टेट के सह-अध्यक्ष और भारतीय अर्बन में सीईओ रेजिडेंशियल अश्विंदर आर. सिंह का कहना है कि आरबीआई का 6.5% पर दरें स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट के लिए अच्छा है। इससे घर खरीदना सस्ता बना रहता है और निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। दरें न बढ़ाकर, आरबीआई चल रहे प्रोजेक्ट्स को समर्थन देता है और नए निवेशों को बढ़ावा देता है, जो कि हाउसिंग सेक्टर के विकास के लिए जरूरी है।

यह फैसला समय की जरूरत

काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी के अनुसार आरबीआई द्वारा रेपो रेट को नहीं बढ़ाने का फैसला समय की जरूरत था। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी यह स्थिर रहे। देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह निर्णय उन पहली बार घर खरीदने वालों के लिए खास था, क्योंकि इससे ब्याज दरों में स्थिरता आई है। जो लोग अभी भी घर खरीदने का मन बना रहे हैं, उनके लिए यह एक अच्छा संकेत है। इसके साथ ही, 23 जून 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए नई टैक्स नीति का भी लाभ मिलेगा, जो देश के बड़े मध्य वर्ग के लिए एक सकारात्मक कदम है। एसकेए ग्रुप के निदेशक श्री संजय शर्मा ने कहा, "आरबीआई का नौवीं बार लगातार रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में एक सराहनीय उछाल की उम्मीद जगाता है। आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर गृह ऋण दरें गृह खरीदारों को कुछ राहत देंगी। इसके अलावा, स्थिर ब्याज दरें खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करेंगी, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास और इस क्षेत्र में निवेश मजबूत होगा। आरबीआई का रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय नए परियोजनाओं की स्थापना और उभरते क्षेत्रों में विकास के विस्तार की दिशा में अग्रसर होगा।"

बॉयर्स पर वित्तीय बोझ होगा कम

स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्‍स व मार्केटिंग अजेंद्र सिंह ने कहा कि लगातार नौवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का यह निर्णय बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। साथ ही इस बात का संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह मजबूत है। आरबीआई का यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी प्रॉपर्टी खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है। यश मिगलानी, एमडी मिगसन ग्रुप का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट्स को नौवीं बार 6.5% पर बनाए रखने के निर्णय से रियल्टी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ब्याज दरें स्थिर रहने से संभावित घर खरीदार अनुकूल ऋण वातावरण का लाभ उठा सकते हैं। ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमि‍ष भूटानी कहते हैं कि आरबीआई ने नौवीं बार लगातार रेपो रेट को स्थिर बनाए रखकर एक सराहनीय कदम उठाया है। एक स्थिर रेपो रेट कमर्शियल रियल एस्टेट निवेशकों और घर खरीदने वालों दोनों में विश्वास पैदा करता है। यह स्थिरता रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि को सीधे प्रभावित करती है, जो भारत की जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

बाजार के लिये अच्छी खबर

कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग ने रेपो रेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरबीआई द्वारा नौवीं बार मौजूदा रेपो रेट को बरकरार रखने का फैसला मार्किट  के लिए एक स्वागत योग्य खबर है। जीडीपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है और रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ रहा है, आरबीआई का यह कदम निस्संदेह रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा। हर्ष गुप्ता, सीईओ, सनड्रीम ग्रुप के अनुसार आरबीआई का रेपो रेट को 6.5% पर लगातार नौवीं बार स्थिर रखने का फैसला आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने का संकेत है। पिछले 25 सालों में यह दूसरी सबसे लंबी स्थिरता का समय है, जो मौजूदा आर्थिक हालात पर विश्वास को दिखाता है। जीडीपी वृद्धि 7.2% पर स्थिर रहने से, आरबीआई की नीति मजबूत आर्थिक माहौल को बढ़ावा देती है, जिससे निवेश और विकास को बढ़ावा मिलता है। यह स्थिर मौद्रिक नीति बाजारों और निवेशकों को भरोसा देती है, जिससे व्यावसायिक योजनाओं और दीर्घकालिक योजनाओं के लिए स्थिरता मिलती है।

राहत की खबर

ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर सहज चावला का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को जस का तस बनाए रखना और महंगाई पर ध्यान देना खरीदारों, बैंकरों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए राहत की खबर है। इससे बाजार में भरोसा बना रहता है और सभी को निवेश और योजना बनाने में मदद मिलती है। स्थिर रेट के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में विकास की उम्मीद और मजबूत हो जाती है। रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार आरबीआई द्वारा लगातार नौवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए पॉजिटिव साइन देता है। जैसे-जैसे लग्जरी हाउसिंग में तेजी आ रही है, यथास्थिति बनाए रखने से और अधिक प्रॉपर्टी डिमांड बढ़ेगी और मार्किट का भरोसा मजबूत होगा। दूसरी ओर, यह संभावित खरीदारों पर फाइनेंसियल प्रेशर को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पिछले कुछ वर्षों में यह सेक्टर  पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और इस निर्णय से इस सेक्टर  के डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स के लिए उभरते क्षेत्रों में प्रोजेक्ट लॉन्च करने का रास्ता खुल जाएगा। लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर ने कहा कि रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जो दरों पर निर्भर करता है और लगातार नौवीं बार 6.50% पर रेपो रेट बनाए रखना रियल्टी बाजार में सकारात्मक भावना को बढ़ावा देता है। आवास की मांग बहुत ज्यादा है, इसलिए स्थिर लोन दरों से खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को ज्यादा विश्वास मिलेगा, जिससे बाजार में वृद्धि और स्थिरता की उम्मीद है। ब्याज दरों में इस स्थिरता से संभावित घर खरीदारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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