Thursday, November 21, 2024
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Repo Rate स्थिर रखने के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर मायूस नहीं, बोले डेवलपर्स- घरों की हो रही बंपर ब्रिक्री

रियल एस्टेट सेक्टर में कुछ समय से जारी तेजी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस तिमाही में भी बरकरार रखने की उम्‍मीद दी है। आरबीआई ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में रेपो रेट नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है। आरबीआई ने इस तिमाही भी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का ऐलान कि

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: December 08, 2023 14:47 IST
रियल एस्टेट सेक्टर- India TV Paisa
Photo:FILE रियल एस्टेट

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.50% पर बना हुआ है। रेपो रेट कम नहीं होने से होम लोन की ईएमआई घटने का इंतजार कर रहे लोगों को जरूर निराशा हाथ लगी है लेकिन रियल एस्टेट डेवलपर्स मायूस नहीं हैं। रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की घरों की बंपर मांग बनी हुई है। इसके चलते देश में प्रॉपर्टी की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। डेवलपर्स का कहना है कि  बाजार मौजूदा 6.5% रेपो दर को स्वीकार कर लिया है। इसलिए कोई चिंता की बात नहीं। हां, अगर रेपो रेट घटता तो और तेजी आ सकती है। 

विकास की संभावनाओं में विश्वास को दर्शाता यह फैसला

नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा कि रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का  निर्णय देश के आर्थिक और बुनियादी विकास की संभावनाओं में विश्वास को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद के साथ की गई घोषणा नए साल के लिए एक आशावादी माहौल का निर्माण करती है। अपरिवर्तित रेपो दर रियल एस्टेट बाजार में निरंतर वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल का भी प्रतीक है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के हमारे सामूहिक प्रयासों के अनुरूप है और आवासीय एवं  वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। हम आरबीआई की मौद्रिक नीति घोषणा में दिए गए सकारात्मक संकेतकों से उत्साहित होकर, रियल एस्टेट क्षेत्र की मजबूत वृद्धि में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, विशेष रूप से किफायती आवास में। हालांकि, विराम के बावजूद, मौजूदा ब्याज दर पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। हम आरबीआई से अपील करते हैं कि वह अपनी अगली समीक्षा बैठक में इस पर विचार करे।

अर्थव्यवस्था में मजबूती को दर्शता यह फैसला 

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि आरबीआई द्वारा पांच बार से रेपो रेट में कमी नहीं करना भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूती को दर्शता है। भारतीय इकोनॉमी की तेज रफ्तार का फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को भी मिल रहा है। देश में प्रॉपर्टी की रिकॉर्ड मांग पिछले तीन सालों से बनी हुई है। प्रॉपर्टी की बिक्री में उछाल की वजह साफ है कि लोगों में भरोसा बढ़ा है कि उनका जॉब और कारोबार सुरिक्षत है। इसलिए वे घर जैसे बड़े सपने को आसानी से पूरा कर रहे हैं। इसलिए महंगे और बड़े घर की मांग तेजी से बढ़ी है। अगर आने वाले समय में महंगाई कम होने पर रेपो रेट में कटौती होगी तो मांग में और तेजी देखने को मिलेगा। 

महंगाई लंबे समय से परेशानी पैदा कर रही

गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक, विकास गर्ग ने कहा कि आरबीआई ने मुद्रास्फीति को 4% के निर्धारित लक्ष्य पर कम करने के लिए रेपो दर की यथास्थिति बनाए रखते हुए सहूलियत दिया है। उद्योग के दिग्गजों को इस फैसले की काफी उम्मीद थी, क्योंकि मुद्रास्फीति लंबे समय से चली आ रही परेशानी बनी हुई है, जिसे ठोस नीति-निर्माण निर्णयों द्वारा कम करने की आवश्यकता है।  हालाँकि रियल एस्टेट क्षेत्र को रेपो दरों में मामूली कटौती से लाभ हो सकता था, लेकिन वर्तमान रेपो दर को बनाए रखने से भी कोई नुकसान नहीं होता है क्योंकि बाजार की भावनाएं अत्यधिक सकारात्मक हैं, जिससे रेपो दर अपरिवर्तित रहने के कारण मार्केट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उम्मीद के अनुरूप फैसला

त्रेहान ग्रुप के प्रबंध निदेशक, सारांश त्रेहन ने कहा कि आरबीआई का निर्णय मुद्रास्फीति को 4% तक कम करने की उसकी स्पष्ट प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है और आरबीआई एमपीसी सदस्यों द्वारा समर्थित मुद्रास्फीति दरों पर अंकुश लगाने के लिए उसके स्पष्ट रुख की पुष्टि है। हममें से अधिकांश को यह अंदाजा था कि आरबीआई वर्तमान रेपो दर को बरकरार रखा है, इसलिए निर्णय अचंभित नही लगा।   कहने की जरूरत नहीं है, अगर आरबीआई ने कुछ क्षेत्रों में बाजार की सुस्ती को पुनर्जीवित करने के लिए रेपो दरों को कम करने पर विचार किया होता तो हम इसकी सराहना करते।  लेकिन संपत्ति बाजारों में लगातार पुनरोद्धार हुआ है, इसलिए जो गिरावट हुई है उसे सुचारू रुप से संचालन की स्थिति बनाने में भी मदद मिलेगी।

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