रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड लगातार बनी हुई है। इसका अंदाजा महज इससे लगाया जा सकता है कि साल 2023 में दिल्ली और इससे सटे इलाकों यानी एनसीआर में बिल्डरों ने लगभग 9,120 करोड़ रुपये में 415 एकड़ जमीन खरीद डाली। यह जमीनें रेसिडेंसियल और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए खरीदी गई है। भाषा की खबर के मुताबिक, रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। रियल एस्टेट डेवलपर्स की तरफ से इतनी जमीनें खरीदने का मतलब है कि नए प्रोजेक्ट्स बड़ी संख्या में शुरू हो रहे हैं।
गुरुग्राम में सबसे ज्यादा खरीदी गई जमीन
खबर के मुताबिक, जेएलएल इंडिया ने कहा कि भूमि सौदों की संख्या और क्षेत्रफल दोनों के मामले में दिल्ली-एनसीआर आगे है, 36 अलग-अलग लेनदेन में लगभग 9,120 करोड़ रुपये मूल्य की 415 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इस 415 एकड़ में से, लगभग 264 एकड़ (64 प्रतिशत) जिसका मूल्य 5,300 करोड़ रुपये से ज्यादा है, का अधिग्रहण गुरुग्राम में किया गया। दूसरे नंबर पर नोएडा ने जगह बनाई। यहां 59 एकड़ (14 प्रतिशत) से अधिक भूमि 1,775 करोड़ रुपये में अधिग्रहीत की गई। दिल्ली, फ़रीदाबाद और सोनीपत ने बाकी योगदान दिया। बेंगलुरु में पिछले साल करीब 305 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ, जिसकी कीमत 3,412 करोड़ रुपये थी।
मुंबई और सटे इलाकों का हाल
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), देश का सबसे महंगा रियल एस्टेट बाजार है, यहां 289 एकड़ में फैले 24 अलग-अलग भूमि सौदे हुए, जिनकी कीमत 11,222 करोड़ रुपये थी। इसी तरह, चेन्नई में, आठ अलग-अलग सौदों में 1,220 करोड़ रुपये में 209 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। नागपुर, लुधियाना, अहमदाबाद और अयोध्या जैसे दूसरे शहरों में प्रमुख डेवलपर्स ने भूमि अधिग्रहण का अनुभव किया। लगभग 320 एकड़ भूमि के लेन-देन के साथ दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों में अधिग्रहीत क्षेत्र के मामले में लुधियाना सबसे आगे है।