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5 अप्रैल को RBI रेपो रेट पर लेगा फैसला, जानें Home-Car की EMI घटेगी या नहीं?

RBI MPC: देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही। इक्रा का मानना है कि नीतिगत स्तर पर रुख में अगस्त 2024 से पहले बदलाव होने की संभावना नहीं है। उस समय तक मानसून को लेकर स्थिति साफ होगी। साथ ही आर्थिक वृद्धि तथा अमेरिकी केंद्रीय बैंक का नीतिगत दर को लेकर रुख भी साफ हो जाएगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: March 31, 2024 16:01 IST
RBI Governor Shaktikanta Das- India TV Paisa
Photo:PTI RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 3 अप्रैल को शुरू होगी। मौद्रिक नीति समीक्षा की की घोषणा 5 अप्रैल को की जाएगी। लंबे समय से आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती नहीं की गई है। ऐसे में होम, कार लोन समेत तमाम तरह के लोन लिए लोग रेपो रेट में कटौती की उम्मीद लगाए हुए हैं। रेपा रेट में कटौती से उनकी लोन की ईएमआई कम होगी। ऐसे में क्या इस बार रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती होगी?  

पीडब्ल्यूसी इंडिया के प्रमुख आर्थिक परामर्शदाता रानेन बनर्जी ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में कुछ केंद्रीय बैंकों ने नीतिगत दरों में कटौती शुरू कर दी है लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक अभी भी अनिश्चितता की स्थिति में हैं। भारत और अमेरिका के बीच प्रतिफल (बॉन्ड) का अंतर कम हो गया है, जिससे कोष प्रवाह पर दबाव पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की काफी संभावना है कि एमपीसी नीतिगत दर को यथावत रखेगा। लेकिन दर में कटौती को लेकर एक छोटी संभावना भी है। एमपीसी के कुछ सदस्य नीतिगत दर में कटौती के लिए मतदान कर सकते हैं लेकिन वे बहुमत में नहीं हैं।’’ 

रेपो रेट में बदलाव की संभावना कम 

इस सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा एक बार फिर नीतिगत दर में बदलाव की संभावना नहीं है। इसका कारण आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता दूर होने और इसके करीब आठ प्रतिशत रहने के साथ केंद्रीय बैंक का अब और अधिक जोर मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने पर हो सकता है। विशेषज्ञों ने यह बात कही है। साथ ही नीतिगत दर पर निर्णय लेने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कुछ विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के रुख पर गौर कर सकती है। ये केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कटौती को लेकर स्पष्ट रूप से ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपना रहे हैं। विकसित देशों में स्विट्जरलैंड पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने नीतिगत दर में कटौती की है। वहीं दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान आठ साल बाद नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति को समाप्त किया है।

पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी

यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी। एक अप्रैल, 2024 से शुरू वित्त वर्ष में एमपीसी की छठ बैठकें होगी। आरबीआई ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उसके बाद लगातार छह द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में इसे यथावत रखा गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति अभी भी पांच प्रतिशत के दायरे में है और खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर भविष्य में झटका लगने की आशंका है, इसको देखते हुए एमपीसी इस बार भी नीतिगत दर और रुख पर यथास्थिति बनाए रख सकता है।’’ उन्होंने कहा कि जीडीपी अनुमान में संशोधन हो सकता है। इस पर सबकी बेसब्री से नजर होगी। सबनवीस ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कहीं बेहतर रही है और इसीलिए केंद्रीय बैंक को इस मामले में चिंताएं कम होंगी और वह मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप लाने पर ज्यादा ध्यान देना जारी रखेगा।’’ 

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