भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फाइनेंशियल सेक्टर को फुलप्रूफ बनाएगा। आरबीआई की योजना वित्तीय सेक्टर में फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से खत्म करने की है। इसी कड़ी में RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक लगातार ऐसी नीतियां, प्रणालियां और मंच तैयार करने पर काम कर रहा है जो वित्तीय क्षेत्र को मजबूत, जुझारू और ग्राहक केंद्रित बनाएंगे। आरबीआई@90 पहल के तहत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना तथा उभरती प्रौद्योगिकियों पर वैश्विक सम्मेलन में दास ने यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के संबंध में आरबीआई द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों का जिक्र किया।
UPI सबसे सस्ता माध्यम
गवर्नर ने कहा कि यूपीआई प्रणाली में सीमा पार धन प्रेषण के उपलब्ध माध्यमों के लिए एक सस्ता तथा त्वरित विकल्प बनने की क्षमता है और ‘‘ इसकी शुरुआत छोटे मूल्य के व्यक्तिगत धन प्रेषण से की जा सकती है, क्योंकि इसे शीघ्रता से क्रियान्वित किया जा सकता है।’’ दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई@100 की ओर बढ़ने की यात्रा को लेकर काफी आशावादी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम लगातार ऐसी नीतियां, दृष्टिकोण, प्रणालियां और मंच तैयार करने पर काम कर रहे हैं जो हमारे वित्तीय क्षेत्र को अधिक मजबूत, गतिशील और ग्राहक केंद्रित बनाएंगे।’’
डिजिटलीकरण पर जोर
दास ने कहा, ‘‘ बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलीकरण की इस यात्रा को जारी रखते हुए, पिछले साल हमने एक प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म का पायलट लॉन्च किया जो बिना किसी बाधा के ऋण उपलब्ध कराता है। अब से, हम इसे यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) कहने का प्रस्ताव करते हैं।’’ यूएलआई प्लेटफॉर्म विभिन्न डेटा सेवा प्रदाताओं से ऋणदाताओं तक विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड सहित डिजिटल जानकारी के निर्बाध तथा सहमति-आधारित प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है। इससे ऋण मूल्यांकन में लगने वाला समय कम हो जाता है, खासकर छोटे तथा ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए। कृत्रिम मेधा (AI) और डीपीआई पर दास ने कहा कि ग्राहकों के लिए एआई अति-वैयक्तिकृत उत्पाद तथा तेज, अधिक प्रासंगिक सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है।