भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये के लाभांश भुगतान करने का ऐलान बुधवार को किया। यह रकम एक साल पहले की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई ने 87,416 करोड़ रुपये का लाभांश सरकार को दिया था। सरकारी खजाने में इतनी बड़ी राशि आरबीआई के द्वारा दी जाएगी। इससे सरकार का खजाना भरेगा और डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट को पूरा करने में मदद मिलेगी।
शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में फैसला
गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में लाभांश भुगतान का निर्णय लिया गया। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने लेखा वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी।’’
इमरजेंसी बफर को बढ़ाया
आरबीआई ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि में पुनरुद्धार होने पर इमरजेंसी जोखिम बफर (CRB) को बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत किया गया था। अर्थव्यवस्था में मजबूती और जुझारूपन बने रहने से निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआरबी को बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का फैसला किया है।’’
बिमल जालान की समिति के आधार पर फैसला
आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देय लाभांश राशि के बारे में निर्णय अगस्त, 2019 में अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर लिया गया है। बिमल जालान की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने ईसीएफ की अनुशंसा की थी। समिति ने कहा था कि सीआरबी के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई के बही-खाते के 6.5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में रखा जाना चाहिए।