भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 6 फरवरी से चल रही बैठक के फैसलों का ऐलान गुरुवार (8 फरवरी) को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा किया जाएगा। यह चालू वित्त वर्ष की आखिरी और कैलेंडर ईयर 2024 की पहली एमपीसी है।
माना जा रहा है कि आरबीआई इस बैठक में भी रेपो रेट को यथावत रख सकता है। अगर ऐसा होता है तो ये छठवां मौका होगा, जब केंद्रीय बैंक द्वारा 4 प्रतिशत महंगाई के आंकड़े को पाने के लिए मॉनेटरी पॉलिसी की रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
महंगाई पर होगा फोकस
ब्रोकरेज हाउस नुवामा की ओर से बताया गया है कि नई मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई द्वारा ब्याज दर को जस के तस रखा जा सकता है। हालांकि, आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी के रुख को नरम रखते हुए इसे न्यूट्रल कर सकता है, जो कि फिलहाल ये 'विड्रॉल ऑफ एकोमडेशन' है। साथ ही कहा कि ब्याज दरों में कमी को लेकर किसी टाइमलाइन की हम आरबीआई से उम्मीद नहीं कर रहे हैं। आरबीआई का फोकस महंगाई दर को 4 प्रतिशत तक ले जाने पर होगा। वहीं, लिक्डिटी फ्रंट पर केंद्रीय का रुख देखने वाला होगा। नुवामा ने अपने इस पूर्वनुमान के पीछे कुछ कारण बताए हैं।
- कोर सीपीआई 4 प्रतिशत से कम है।
- घरेलू निजी खपत और निर्यात कमजोर होना।
- अंतरिम बजट 2024 में राजकोषिय नीति को सख्त किया गया है।
पिछली मॉनेटरी पॉलिसी
आरबीआई द्वारा दिसंबर में जारी की गई मॉनेटरी पॉलिसी में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। रेपो रेट को जस के तस रखा गया था। साथ ही एमपीसी के 6 से 5 सदस्यों ने पॉलिसी के रुख को 'विड्रॉल ऑफ एकोमडेशन' रखने का फैसला किया था। साथ ही जीडीपी ग्रोथ अनुमान को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7 प्रतिशत कर दिया था।