Monday, November 25, 2024
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बुलेट गोल्ड लोन पर RBI ने लिया बड़ा फैसला, जानें यह क्या और कैसे Gold Loan लेने वालों की मिलेगा बड़ा फायदा

यह कैसे काम करता है? एक बार जब उधारकर्ता वर्ष के अंत में कुल मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान कर देता है, तो ऋण की सीमा समाप्त हो जाती है। सीधे शब्दों में कहें तो कर्ज लेने वाला कर्ज चुका सकता है और अगले दिन फिर से कर्ज ले सकता है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 06, 2023 12:49 IST
Bullet Gold loan - India TV Paisa
Photo:FILE बुलेट गोल्ड लोन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट गोल्ड रीपेमेंट लोन के नियम में बदलाव किया है। आरबीआई ने बुलेट रीपेमेंट गोल्ड लोन स्कीम के तहत सोने के बदले कर्ज (गोल्ड लोन) को दोगुना कर चार लाख रुपये कर दिया है। ‘बुलेट’ रीपेमेंट स्कीम के तहत कर्ज लेने वाला मूल राशि और ब्याज का भुगतान कर्ज अवधि के अंत में एकमुश्त करता है। हालांकि सोने के बदले कर्ज पर ब्याज का आकलन पूरी अवधि के दौरान हर महीने किया जाता है, लेकिन मूल राशि और ब्याज का भुगतान एकबारगी करना होता है। इसीलिए इसे ‘बुलेट’ रीपेमेंट के नाम से जाना जाता है। हालांकि, यह सीमा उन शहरी सहकारी बैंकों के लिये बढ़ायी गयी है, जिन्होंने प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज के तहत सभी लक्ष्यों को 31 मार्च 2023 तक पूरा किया है। 

लोन लेने वालों को कैसे मदद मिलेगी?

बुलेट गोल्ड रीपेमेंट लोन में लोन लेने वालों को नियमित मासिक ईएमआई का भुगतान नहीं करना पड़ता है, इसलिए उन्हें ऋण चुकाने के लिए अधिक समय और लचीलापन मिलता है। इससे पहले, सभी राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों को बुलेट रीपेमेंट विकल्प के साथ 1 लाख रुपये तक का गोल्ड लोन देने की अनुमति थी। अब तक, ऐसे ऋणों की अवधि आमतौर पर मंजूरी की तारीख से 12 महीने से अधिक नहीं होती है। आरबीआई के अनुसार, बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत, बैंकों को ब्याज सहित ऋण राशि पर 75% का ऋण-से-मूल्य (एलटीवी) अनुपात बनाए रखना होगा। जब उधारकर्ता बुलेट रीपेमेंट पूरा कर लेते हैं, तो वे गिरवी रखे गए सोने को तुरंत अपने कब्जे में ले सकते हैं। एक अन्य विकल्प यह है कि जब आप नकदी संकट का सामना कर रहे हों तो बुलेट पुनर्भुगतान के तहत लिमिट रोलओवर विकल्प का लाभ उठाएं। 

यह कैसे काम करता है? एक बार जब उधारकर्ता वर्ष के अंत में कुल मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान कर देता है, तो ऋण की सीमा समाप्त हो जाती है। सीधे शब्दों में कहें तो कर्ज लेने वाला कर्ज चुका सकता है और अगले दिन फिर से कर्ज ले सकता है। मान लीजिए, आपने बुलेट रीपेमेंट योजना के तहत एक साल की अवधि के लिए 11% ब्याज दर पर 4 लाख रुपये का गोल्ड लोन लिया है। लोन की अवधि के दौरान आपको ऋणदाता को कोई ब्याज और मूलधन नहीं देना होता है। अब, ऋण अवधि के अंत में, आपको 4,43,992 रुपये का भुगतान करना होगा जिसमें 4 लाख रुपये मूल राशि और 43,992 रुपये ब्याज शामिल है। अब, एक बार जब आप इसे वर्ष के अंत में वापस कर देंगे, तो अगले दिन ऋण सीमा फिर से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी जाएगी। आप अगले दिन से नया लोन ले सकते हैं।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत समग्र लक्ष्य तक उप-लक्ष्य पूरा कर लिया है, उनके लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है।’’ दास ने कहा , ‘‘ यह उपाय हमारी उस पिछली घोषणा के तहत है, जिसमें कहा गया था कि 31 मार्च 2023 तक निर्धारित प्राथमिक क्षेत्र कर्ज के लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।’’ आरबीआई ने इस साल जून में मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज के तहत तय लक्ष्यों को मार्च 2023 तक पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंकों को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। आरबीआई ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा। 

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