नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 रुपये के नोट को लेकर रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें। हालांकि 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है ।
आरबीआई ने शुक्रवार को रिलीज में बताया कि दो हजार रुपये के नोट को सर्कुलेशन से वापस ले लिया गया है। लेकिन यह लीगल टेंडर बना रहेगा। 2,000 रुपये का यह नोट नवंबर 2016 में लाया गया था। रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार यदि आपके पास 2000 रुपये का नोट है तो आप 23 मई से 30 सितंबर के बीच बैंक जाकर अपना 2000 का नोट बदल सकते हैं। एक बार में 2 हजार के 10 नोट बदले जा सकते हैं। अगर आपके पास 2000 के 10 से अधिक नोट है तो आप उसे अपने बैंक में सीधे जमा कर सकेंगे। 2000 के जितने भी नोट होंगे आप बैंक में जमा कर सकेंगे - आपसे इस बारे में न कोई सवाल पूछा जाएगा, ना कोई जानकारी ली जाएगी के नोट आपने कहां से लाए।
क्या है इस फैसले का असर
रिजर्व बैंक के इस आदेश के बाद कुछ बातें आपको समझ लेनी चाहिए। पहली बात यह कि रिजर्व बैंक ने बैंकों से इस नोट को जारी करने से मना किया है। यह अभी भी वैध मुद्रा है। यदि आपके पास यह नोट है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप इस नोट को 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक बैंक जाकर बदल सकते हैं। एक बार में 2 हजार के 10 नोट बदले जा सकते हैं। यानि एक बार में 20 हजार रुपये तक के नोट बदले जा सकते हैं।
क्या सच में नोटबंदी
रिजर्व बैंक के फैसले को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। RBI ने साफ किया है, आप अभी भी 2000 रुपये के नोट को लेकर आप नोटबंदी न समझें। सीधे शब्दों में ऐसे समझें कि आप अभी इस 2000 रुपये के नोट को बाजार में खरीदारी कर सकते हैं। दुकानदार या पेट्रोल पंप वाला आपसे 2000 का नोट लेने से मना नहीं कर सकता है। आप आराम से 30 सितंबर तक यह नोट बैंक में जाकर बदल सकते हैं।
2018 से बंद है प्रिंटिंग
नोटबंदी के बाद 2016 को लॉन्च किया गया 2000 का नोट आरबीआई एक्ट 1934 के सेक्शन 24 (1) के तहत लाया गया था। लेकिन बड़ा नोट होने के चलते यह नोट प्रचलन से कुछ ही दिनों बाद बाहर होता दिखाई दिया था। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2,000 रुपये के बैंकनोट्स की प्रिंटिंग 2018-19 में बंद कर दी गई थीं। 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है।
लगातार घट रही है हिस्सेदारी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 के अंत में चलन में शामिल 2000 रुपये के मूल्यवर्ग वाले नोटों की संख्या 274 करोड़ थी। यह आंकड़ा चलन में कुल करेंसी नोटों की संख्या का 2.4 प्रतिशत था। इसके बाद मार्च 2021 तक चलन में शामिल 2000 के नोटों की संख्या घटकर 245 करोड़ या दो प्रतिशत रह गई। पिछले वित्त वर्ष के अंत में यह आंकड़ा 214 करोड़ या 1.6 प्रतिशत तक रह गया। उपरोक्त आंकड़े मात्रा के लिहाज से हैं। यदि मूल्य के संदर्भ में बात करें तो मार्च 2020 में 2000 रुपये के नोट का कुल मूल्य, सभी मूल्यवर्ग के नोटों के कुल मूल्य का 22.6 प्रतिशत था। मार्च 2021 में यह आंकड़ा घटकर 17.3 प्रतिशत और मार्च 2022 में 13.8 प्रतिशत रह गया।
RBI ने साल 2021-22 के सलाना रिपोर्ट में कहा कि
- 2020-21 में कुल करेंसी सर्कुलेशन में 2,000 रुपये को नोटों की हिस्सेदारी 17.3 फीसदी थी
- 2019-20 में 2000 रुपये के 5,47,952 रुपये वैल्यू के नोट सर्कुलेशन में थे
- कुल नोटों में 22.6 फीसदी हिस्सेदारी थी
- 2020-21 में घटकर ये 4,90,195 करोड़ रुपये वैल्यू की रह गई
- 2021-22 में कुल करेंसी के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या और कम हुई
- कम होकर नोटों की संख्या 4,28,394 करोड़ रुपये रह गई थी