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RBI: आप भी भरते हैं लोन की किस्तें? आरबीआई पॉलिसी को लेकर विशेषज्ञों ने की ये भविष्यवाणी

RBI ने पिछले महीने अचानक रेपो दर एवं CRR में वृद्धि कर सबको अचंभित कर दिया था। रेपो दर को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया गया था जबकि CRR में भी 0.50% की वृद्धि की गई थी।

Written by: India TV Paisa Desk
Published on: June 07, 2022 21:26 IST
RBI - India TV Paisa
Photo:FILE

RBI 

Highlights

  • रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत दरों में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है
  • RBI गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी के संकेत दे चुके हैं
  • मुद्रास्फीति अप्रैल, 2022 में आठ साल के उच्चस्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी

भारतीय रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत दरों की घोषणा करने जा रहा है। पिछली एमपीसी बैठक में तो ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। लेकिन मई के पहले सप्ताह में अचानक रिजर्व बैंक ने रेपो दर में .4 फीसदी की वृद्धि कर दी थी। बुधवार को एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों की घोषणा करेगा। जिसमें एक बार फिर बड़ी बढ़ोत्तरी की भविष्यवाणी की जा रही है। 

देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के अनुसार रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत दरों में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है, ऐसे में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दरों में चौथाई से आधा प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकती है। मौद्रिक नीति समिति की सोमवार से द्विमासिक समीक्षा बैठक जारी है और इसमें लिए गए फैसलों के बारे में बुधवार को जानकारी दी जाएगी। 

शक्तिकांत दास कर चुके हैं इशारा 

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी की जा सकती है। आरबीआई ने पिछले महीने भी अचानक रेपो दर एवं नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में वृद्धि कर सबको अचंभित कर दिया था। रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि सीआरआर में भी 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। 

महंगाई अभी भी बेकाबू 

रिजर्व बैंक के इस सख्त कदम के लिए बढ़ती हुई मुद्रास्फीति को जिम्मेदार बताया गया था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2021 से ही लगातार बढ़ रही है। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से ही आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल, 2022 में यह आठ साल के उच्चस्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ 

  • एचडीएफसी बैंक ट्रेजरी रिसर्च डेस्क: रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई अपने रुख और सीआरआर दर को अपरिवर्तित रखते हुए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमें रेपो दर में 0.50 प्रतिशत के बजाय 0.25 प्रतिशत की ही वृद्धि की संभावना ज्यादा दिख रही है। हमें इस स्तर पर दर में एक और बड़ी वृद्धि के हालात नहीं दिखते हैं।’’ इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई वैश्विक और घरेलू मूल्य दबावों में बदलाव का हवाला देते हुए मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत के पूर्वानुमान में 0.70-0.80 प्रतिशत तक का बदलाव कर सकता है। 
  • यस बैंक: यस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा कि मुद्रास्फीति ने आरबीआई के समक्ष मौद्रिक नीति को सख्त करने की जरूरत पैदा की है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि आरबीआई जून में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। इसके बाद अगस्त और सितंबर में भी इसमें 0.25-0.25 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है। 
  • त्रेहन समूह: त्रेहन समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने कहा कि आरबीआई प्रमुख नीतिगत दरों में 0.50 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकता है। उन्होंने कहा कि बैंक इसका बोझ कर्जदारों पर ही डालेंगे लेकिन ब्याज दरों के निचले स्तर पर होने से मांग पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा। 
  • इंफोमेरिक्स : क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंफोमेरिक्स ने नीतिगत दर में 0.35-0.50 प्रतिशत तक की वृद्धि किए जाने का अनुमान जताया है।
  • ट्रस्ट म्यूचुअल फंड: ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के कोष प्रबंधक आनंद नेवतिया ने भी कहा कि आरबीआई तरलता में कमी लाने के लिए सीआरआर बढ़ाने के साथ रेपो दर में 0.35-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।

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