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अब नहीं बढ़ेगा रेपो रेट! मिलेगी बढ़ते होम लोन और EMI के बोझ से राहत

पिछले महीने जब अक्टूबर के महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे तो उसमें उससे पहले के महीने की तुलना में महंगाई कम देखी गई थी। उसके बावजूद भी आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाया लेकिन अब ये जानकारी सामने आई है कि आगे से रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होगी।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: December 13, 2022 12:31 IST
'अब नहीं बढ़ेगा रेपो रेट', जानिए क्या होगा फायदा?- India TV Paisa
Photo:INDIA TV 'अब नहीं बढ़ेगा रेपो रेट', जानिए क्या होगा फायदा?

भारत में पिछले दो महीने से महंगाई दर में कमी देखी जा रही है। खुदरा महंगाई के नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आने के साथ नीतिगत दर में वृद्धि का चक्र समाप्त होने की संभावना बढ़ी है। यह रेपो दर में वृद्धि के दौर को समाप्त करने के लिये प्रोत्साहित करती है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। 

RBI को मिली है ये अहम जिम्मेदारी

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आ गयी है। इस साल यह पहला मौका जब खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में आई है। आरबीआई को महंगाई दो से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नवंबर महीने की खुदरा महंगाई का आंकड़ा नीतिगत दर में वृद्धि चक्र को समाप्त करने के लिये प्रोत्साहित करता है। 

आरबीआई के आक्रामक मौद्रिक नीति का मिला फायदा

रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई के आक्रामक मौद्रिक नीति रुख से घरेलू महंगाई को काबू में लाने में मदद मिल सकती है। इसमें कहा गया है कि जबतक अमेरिका में महंगाई काबू में नहीं आती है, वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व को नीतिगत दर में वृद्धि करनी पड़ सकती है। इससे उभरते बाजारों से पूंजी निकासी बढ़ेगी। विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और रुपये की विनिमय दर में गिरावट आएगी। हालांकि, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सकल (हेडलाइन) महंगाई दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में बढ़कर फिर 6.5 से 6.7 प्रतिशत हो सकती है। वहीं मार्च, 2023 में इसमें उल्लेखनीय रूप से घटकर पांच प्रतिशत पर आने की संभावना है।

5 बार रेपो रेट में की गई बढ़ोतरी

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई अक्टूबर, 2022 में 6.77 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.91 प्रतिशत रही थी। रिजर्व बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर विचार करता है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई पर शिकंजा कसने के लिये मई से लेकर अबतक पांच बार में नीतिगत दर रेपो में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में जनवरी-मार्च तिमाही में महंगाई के छह प्रतिशत से नीचे आने का अनुमान जताया था। 

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