Highlights
- RBI बढ़ाने जा रहा है रेपो रेट
- लोन पहले से ज्यादा महंगे हो जाएंगे
- खुदरा महंगाई छह माह से रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है
RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर से ब्याज दर में बढ़ोतरी करने जा रहा है। नए रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है। हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Fed) द्वारा भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई थी। उसके द्वारा 0.75% की वृद्धी की गई। बैंक के ब्याज दर बढ़ाने से देश के आम नागरिक पर इसका सीधा असर पड़ेगा और लोन (Loan) पहले से ज्यादा महंगे हो जाएंगे।
महंगाई पर लगाम लगाने के लिए की जा रही बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंदीय बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर बढ़ा सकता है। केंद्रीय बैंक पहले ही अपने पुराने मौद्रिक नीति को वापस लेने की घोषणा कर चुका है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक तीन अगस्त से शुरू हो रही है। इस बैठक को दो महीने बाद आयोजित किया गया है। बैठक के नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी।
खुदरा महंगाई छह माह से रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने मई और जून में रेपो दर में क्रमश: 0.40 प्रतिशत और 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय बैंक इस सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर को कम से कम महामारी-पूर्व के स्तर पर ले जाने की कोशिश करेगी। आगामी महीनों में इसमें और वृद्धि भी देखने को मिल सकती है।
भारत में स्थिति बेहतर
बोफा ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि एमपीसी पांच अगस्त को रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगी। साथ ही वह अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करेगी।’’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रेपो दर में 0.50 प्रतिशत या 0.25 प्रतिशत तक की वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व ने कैलेंडर साल 2022 में ब्याज दरों में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे ऐसी संभावना बन रही है कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में तय समय से पहले अधिक वृद्धि कर सकता है। हालांकि भारत में परिस्थितियों को देखते हुए अभी आक्रामक रुख की जरूरत नहीं है।
जुन में 7.01 प्रतिशत थी महंगाई
हाउसिंग.कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) ध्रुव अग्रवाल ने कहा है कि अमेरिका सहित दुनिया के अन्य देशों के बैंकिंग नियामक आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, लेकिन भारत में स्थिति ऐसी नहीं है। यहां उस तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.20 से 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। डीबीएस ग्रुप रिसर्च की कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने एक रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति अगली दो तिमाहियों में मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेगी। ऐसे में हमारा मानना है कि अगस्त में एमपीसी रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत रुख तय करते समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। जून में यह 7.01 प्रतिशत के स्तर पर थी।