Highlights
- ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये हुई
- सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा के लिए इसके कई बार उपयोग की इजाजत
- एनपीसीआई द्वारा विकसित ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को अगस्त 2021 में पेश किया गया था
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया। साथ ही लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा के लिए इसके कई बार उपयोग की इजाजत दी।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को अगस्त 2021 में पेश किया गया था। तब इसे एक खास व्यक्ति और खास मकसद के लिए 10,000 रुपये के ‘कैशलेस वाउचर’ के रूप में जारी किया गया था। इसे सिर्फ एक बार भुनाने की सुविधा थी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा देने के लिए सरकारों द्वारा जारी किए गए ई-रूपी वाउचर की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति वाउचर करने और ई-रूपी वाउचर के कई बार उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है।’’
दास ने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा अन्य उपयोग के मामलों पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में ई-रूपी की पेशकश की थी, और कहा था कि वाउचर-आधारित प्रणाली देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगी।