Highlights
- नीतिगत दरों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से घर खरीदारों की धारणा को प्रभावित करने का काम करेगी
- बैंक रेपो दर में वृद्धि का बोझ आगामी महीनों में धीरे-धीरे ग्राहकों पर डालेंगे
- सस्ते और मिड सेगमेंट के घरों की बिक्री पर इसका असर अधिक दिखाई देगा
RBI Policy: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत करने के फैसले से आवास ऋण महंगा होगा और घरों की बिक्री घटेगी। संपत्ति सलाहकारों ने यह राय जताई है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, रेपो दर में वृद्धि से आवास ऋण महंगा होगा। रिजर्व बैंक द्वारा पिछले महीने नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के बाद से ब्याज दरें पहले से बढ़ने लगी हैं। उन्होंने कहा, हालांकि, ब्याज दरें 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौर से नीचे रहेंगी। उस समय ये 12 प्रतिशत और इससे ऊपर थीं। पुरी ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि का असर घरों की बिक्री पर आगामी महीनों में दिखाई देगा। सस्ते और मिड सेगमेंट के घरों की बिक्री पर इसका असर अधिक दिखाई देगा।
घर खरीदारों पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव का मानना है कि बैंक रेपो दर में वृद्धि का बोझ आगामी महीनों में धीरे-धीरे ग्राहकों पर डालेंगे। बैंकों द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी से ईएमआई बढ़ेगी। रिजर्व बैंक द्वारा एक महीने में ही नीतिगत दरों में दो बार की बढ़ोतरी से अंतत: आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे ग्राहकों की धारणा प्रभावित होगी। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अलावा निर्माण की लागत और उत्पादों के दाम भी बढ़े हैं। इस वजह से खरीदारों की धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
घर खरीदारों की धारणा को प्रभावित होगी
जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख समंतक दास ने कहा कि नीतिगत दरों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से घर खरीदारों की धारणा को प्रभावित करने का काम करेगी। दास ने कहा कि कुल मिलाकर खरीद पर इसका बहुत अधिक असर नहीं होगा। इन्वेस्टर्स क्लिनिक के संस्थापक हनी कटियाल ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से रियल एस्टेट क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होगा।