भारत इस समय दोहरी चोट झेल रहा है, एक ओर देश महंगाई की मार झेल रहा है वहीं मंदी के मुहाने पर खड़े देश के सामने आर्थिक ग्रोथ को संभालने की जिम्मेदारी है। आज मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर ने देश की विकास दर में कटौती कर दी है।
रिजर्व बैंक ने विकास दर घटाकर 7 % की
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ने और दुनिया के विभिन्न देशों में मौद्रिक नीति को आक्रामक रूप से कड़ा किये जाने के कारण यह कदम उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने इस साल अप्रैल में 2022-23 के लिये जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत किया था।
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक देश को सतत वृद्धि के रास्ते पर रखने को लेकर कीमत स्थिरता के लिये प्रतिबद्ध है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर मूल्यों पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही थी। दास ने हालांकि अगाह किया, ‘‘हम कोविड महामारी संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि के कारण उत्पन्न नये ‘तूफान’ का सामना कर रहे हैं।’’
इस साल नहीं घटेगी महंगाई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण वैश्विक भू-राजनीतिक हालात के बीच चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
मार्च तक 6 से नीचे आएगी महंगाई
रिजर्व बैंक के ताजा अनुमानों के अनुसार दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5 प्रतिशत और मार्च तिमाही के लिए 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अगर तेल के दाम में मौजूदा नरमी आगे बनी रही, तो महंगाई से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सात प्रतिशत थी, जो आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है।