सोशल मीडिया पर आपको व्हाट्सएप (Whatsapp), फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter) से लेकर इंस्टाग्राम (Instagram) और टेलिग्राम (Telegram) पर आपको रोजना मनी मैनेजमेंट और निवेश की सलाह खूब मिलती होंगी। लेकिन आपको करोड़पति बनाने वाली कई स्कीमें फर्जी भी होती हैं, जिन पर लगाम लगाने की मांग की जाती है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय बाजारों के संबंध में सोशल मीडिया मंचों पर मिलने वाली सलाह पर रोक लगाने से इंकार किया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्तीय बाजारों पर अपने विचार जाहिर करने वाले इन्फ्लूएंसर को लेकर किसी तरह के नियमन की योजना नहीं है।
जानिए RBI गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को यहां मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, “आरबीआई सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स पर नियमन के लिए कोई विशेष दिशानिर्देश जारी करने की योजना नहीं बना रहा है क्योंकि इस मामले को बाजार नियामक सेबी पहले ही देख रहा है।” सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर व्यक्तिगत विचारों या उन्हें वित्तीय बाजारों या शेयरों पर भुगतान करने वालों के विचारों का प्रसार करते हैं।
जारी हैं सेबी की कोशिशें
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) सोशल मीडिया विज्ञापन और विपणन अभियानों के माध्यम से वित्तीय सलाह के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए ब्रोकर और म्यूचुअल फंड को वित्तीय इन्फ्लूएंसरों का उपयोग सीमित करने की योजना बना रहा है। सेबी जनवरी, 2022 से कहता रहा है कि वह कथित वित्तीय इन्फ्लूएंसरों पर काबू पाने के लिए नियम लेकर आएगा। सेबी ने जनवरी, 2022 में सोशल मीडिया मंच टेलीग्राम के माध्यम से शेयरों के बारे में सुझाव देकर बाजार का दुरुपयोग करने के सबूत मिले थे।
हाल के दिनों में हुई है कड़ी कार्रवाई
सेबी ने इस साल दो मार्च को भी कुछ यूट्यूब उपयोगकर्ताओं पर कार्रवाई की और कीमतों से छेड़छाड़ और अवैध मुनाफा कमाने के मामले में अंतरिम आदेश देते हुए शेयर बाजार से लगभग 44 इकाइयों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद गत 27 मई को भी सेबी ने निवेश नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में इन्फ्लूएंसर पीआर सुंदर पर 6.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और उसे शेयर बाजार से एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया।