Tuesday, January 14, 2025
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RBI फरवरी में ब्याज दर में 0.25% की करेगा कटौती! इस जर्मन ब्रोकरेज को है पक्का भरोसा, क्या सस्ते होंगे लोन?

आरबीआई ने पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के तहत पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरों को बरकरार रखा है और अब सभी की निगाहें फरवरी में उनके उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा ​​के तहत पहली दर समीक्षा पर टिकी हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jan 14, 2025 13:50 IST, Updated : Jan 14, 2025 13:58 IST
जनवरी-जून 2025 में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन लगभग 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
Photo:FILE जनवरी-जून 2025 में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन लगभग 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) फरवरी 2025 की अपनी मौद्रिक समीक्षा मीटिंग में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है।  जर्मन ब्रोकरेज डॉयशे बैंक को इसका पूरा भरोसा है।  ब्रोकरेज का कहना है कि लंबे समय से ब्याज दर में राहत का इंतजार 0.25% की कटौती के साथ खत्म हो सकता है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, डॉयशे बैंक के विश्लेषकों ने कहा कि दरों में कटौती में देरी से विकास पर और अधिक चोट पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई में देरी होती है तो आरबीआई के पीछे छूट जाने का भी जोखिम है।

H12025 में रेपो दर 6 प्रतिशत पर आ जाएगी

खबर के मुताबिक, डॉयशे बैंक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक (समीक्षा) में नीति दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा, जिससे H12025 में रेपो दर 6 प्रतिशत पर आ जाएगी। इसने कहा कि भारत में मोनेटरी ट्रांसमिशन कम से कम तीन तिमाहियों के काफी अंतराल के साथ काम करता है। इसलिए, यह आरबीआई द्वारा फरवरी से दरों में कटौती शुरू करने के लिए एक औचित्य देखता है। दरों में कटौती में देरी न करने का अनुरोध करते हुए ब्रोकरेज ने कहा कि हमारा मानना ​​है कि जितनी जल्दी दरों में कटौती की जाएगी, उसका उतना पॉजिटिव असर होगा।

पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरें बरकरार

यहां बता दें, आरबीआई ने पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के तहत पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरों को बरकरार रखा है, जबकि विकास कई तिमाहियों के निचले स्तर पर पहुंच गया है, और अब सभी की निगाहें फरवरी में उनके उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा ​​के तहत पहली दर समीक्षा पर टिकी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग दो सालों में, यह आरबीआई द्वारा दरों में कटौती शुरू करने से पहले सबसे लंबा विराम है, यह दर्शाता है कि आरबीआई ने दर वृद्धि चक्र के आखिर और दर कटौती चक्र की शुरुआत के बीच सबसे लंबा 11 महीने का इंतजार किया है।

महंगाई को लेकर क्या है अनुमान

ब्रोकरेज का यह नोट भारत की दिसंबर सीपीआई मुद्रास्फीति के नवंबर में 5.48 प्रतिशत से घटकर 5.22 प्रतिशत पर आने के बाद आया है। विश्लेषकों ने कहा कि उनका अनुमान है कि जनवरी-जून 2025 में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन लगभग 4.3 प्रतिशत रहेगी, जो आरबीआई के पूर्वानुमान से कम है। जनवरी-मार्च की अवधि के लिए आरबीआई द्वारा अनुमानित 4.9 प्रतिशत की तुलना में हेडलाइन मुद्रास्फीति कम रहेगी, क्योंकि सर्दियों के महीनों में नई फसलों के आने पर सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आती है।

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